*सूत्रधार का नाटक मीनू ने दर्शकों को गुदगुदाया।
*मीनू नाटक ने किशोरवय के द्वंद को रेखांकित किया।*
सूत्रधार ने ऐतिहासिक,यादगार और भव्य आयोजन से सबका दिल जीता।
खगौल। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सौजन्य से चर्चित नाट्य संस्था सूत्रधार के तत्वावधान बृहस्पतिवार को गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर लिखित कहानी समाप्ति पर आधारित हिन्दी नाटक मीनू का मंचन वरिष्ठ रंगकर्मी नवाब आलम के निर्देशन में स्थानीय एन. सी. घोष सामुदायिक भवन दानापुर में किया गया। मीनू नाटक गांव की एक भोली भाली लड़की के इर्द गिर्द घूमती है। उसका बचपना व्यस्क होने के बाद भी बरकरार रहती है और गांव के ही एक युवक अपूर्व से शादी होने पर भी वह बच्चों से घिरी रहती है। ससुराल में आने के बाद भी वह बच्चों सी उदंडता करती रहती है। उसके इस चाल चलन से सास को आंखों नहीं सुहाती है। इसे लेकर मां और पुत्र में अनबन होने लगती है। पुत्र अपूर्व इसी कारण उसे मायके में ही छोड़ कर शहर चला जाता है। दोनों अलग अलग होने के दंश से दो चार होते हैं। और फिर अचानक ,,,।
नाटक में अनीशा कुमारी, शशि भूषण कुमार , कृति ज्योत्स्ना रत्नेश कुमार, नेहा, शिवम , अमित कुमार, दीपक कुमार गुप्ता एवं सुधीर कुमार ने शानदार अभिनय किया। प्रस्तुति नियंत्रक ज़ीशान आलम ,प्रकाश संयोजन अरुण सिंह और मंच परिकल्पना संजीत कुमार गुप्ता का नाट्य कथा प्रवाह में मददगार साबित हुआ।
कार्यक्रम में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी प्रतिष्ठित सूत्रधार सम्मान - 2024 वरिष्ठ रंगकर्मी/ निर्देशक और आयोजक अभय सिंहा को कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान कर सम्मानित किया गया।
नाट्य मंचन से पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन रूपेश झा, प्रबंध निदेशक,पटना सुधा डेयरी प्रोजेक्ट ने द्वीप प्रज्जलित कर किया। मुख्य अतिथि के रूप में जगजीवन सिंह, प्रसिद्ध समाजसेवी, मो सुहैल फारूकी, कवि, निर्देशक अभय सिंहा,सनोज यादव, ज्ञानेश्वर, प्राचार्य मौजूद थे। अपने उदघाटन उदगार में रूपेश झा ने कहा कि सूत्रधार रंगकर्म के क्षेत्र में बहुत सराहनीय कार्य कर रहा है। राज्य और देश के विरासत और संस्कृति को अपनी नाट्य प्रस्तुतियों द्वारा प्रगाढ़ करने का काम कर रहा है। विशिष्ठ अतिथि एवं रंग निर्देशक अभय सिंहा ने कहा कि सूत्रधार सिर्फ शहरी ही नहीं ग्रामीण कलाकारों को कार्यशाला में प्रशिक्षण प्रदान कर उसकी प्रतिभा को तराशने में जुटा है। संस्था सूत्रधार के महासचिव प्रो प्रसिद्ध यादव, अस्तानंद सिंह ,मो सादिक एवं नवाब आलम ने आगत अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्र,पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर किया गया । अतिथियों और दर्शकों का स्वागत करते हुए कहा कि आप सभी के सहयोग से सूत्रधार ने चार दशक से अधिक समय से सामाजिक बदलाव ,सामाजिक एकता और भाईचारा कायम करने एवं समाज में जागरूकता संदेश देने के लिए अपनी गौरवशाली प्रस्तुतियों के साथ लंबा सफर तय किया है। मालूम हो कि यह नाटक 30 दिवसीय सघन नाट्य कार्यशाला में तैयार किया गया। कार्यशाला के निर्देशक दीपक कुमार गुप्ता और प्रभारी रत्नेश कुमार थे। कार्यक्रम कॉर्डिनेटर जीशान आलम, मंच प्रभारी निशांत कुमार और साथ में आसिफ हसन, रोशन कुमार आदि सहयोगी रहे। मंच संचालन मंडल सांस्कृतिक संघ के सचिव एवं वरिष्ठ रंगकर्मी अरुण सिंह ने कार्यक्रम को आकर्षक बना दिया। उन्होंने कहा कि सूत्रधार द्वारा आयोजित इस भव्य आयोजन में जहां एक ओर प्रभावशाली प्रस्तुति देखने को मिली वही दूसरी ओर ऐतिहासिक स्थल और रंगकर्मियों की मां एन सी घोष इंटीट्यूट के जाने का ग़म भी रंगकर्मियों को सालता रहा।
मौके पर शत्रुध्न कुमार, विनोद शंकर मिश्र, उदय कुमार , महेश चौधरी,अमन कुमार, मोहन पासवान,गोलू पासवान,रोहित कुमार,बीरेंद्र कुमार,मिथिलेश कुमार सहित कई गणमान्य सहित हजारों की संख्या में दर्शक मौजूद थे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में निशांत , आसिफ, राशिद, निशांत,सोनू, सान्याल हामिद, दानियाल शमीम ने महती भूमिका निभाई।
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