बिक्रम के पीयूष ने छठा व बिहटा के आकाश ने मैट्रिक में 7 वां स्थान हासिल किये।
दानापुर मंडल के पीआरआई मित्र तन्विरूल हक ने सदिसोपुर ,घनश्याम पुर में अरुण यादव के घर जाकर आकाश को मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दी। हक खुद सदिसोपुर के रहने वाले हैं और वही से मैट्रिक पास किये थे।हक हमेशा क्षेत्र में कोई भी उपलब्धि या मुसीबत में गांव ,क्षेत्र में मुस्तैदी से खड़े रहते हैं।
घनश्याम पुर आदि यादवों के 12 गांवों को शिक्षा के मामलों में काफी पीछे जाना जाता रहा है और हकीकत भी थी। न कोई साधन ,न पूंजी ,अधिकांशतः आज भी अनेक लोग जीवन यापन के लिए पलायन किये हुए हैं और बाकी हर रोज पटना ,दानापुर डेली मजदूरी के लिए आते हैं। ऐसे विषम परिस्थितियों में कोई साधन संपन्न लोगों के मुकाबले से ऊपर उठ जाए तो समाजवाद ,लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत है। सावित्री बाई, अम्बेडकर के सपने साकार हो रहे हैं और आने वाले दशकों में निश्चित रूप से वंचितों का झंडा हर क्षेत्र में फहराएगा। सदियों से शिक्षा से वंचितों को वंचित रखने का दुष्परिणाम था कि अमानवीय व्यवहार होता रहा। आज संविधान की ताकत का असर है कि लोग आगे बढ़ रहे हैं। दुर्भाग्यपूर्ण आज भी बहुजन धर्म ,ढोंग,पाखंड के चक्कर में शिक्षा जैसे रत्न से दूर हैं।
बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा में पटना जिले के बिहटा के आकाश कुमार ने 7वां स्थान हासिल किया है। आकाश का सपना है कि वह आईआईटी में दाखिला लेकर फिर सिविल सर्विस की तैयारी करें। आकाश के पिता एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं जबकि माता गृहिणी हैं। लॉकडाउन के कारण आर्थिक स्थिति बिगड़ने से उन्हें सरकारी स्कूल में दाखिला लेना पड़ा।
पटना जिले के बिहटा के सदिसोपुर आर एस उच्च विद्यालय के 10वीं का छात्र सह , घनश्यामपुर निवासी अरुण यादव का पुत्र आकाश कुमार ने मैट्रिक की परीक्षा में कड़ी मेहनत और लगन से पूरे बिहार में 7वां स्थान हासिल कर क्षेत्र के लिये नई मिसाल कायम की है।
आकाश का सपना है कि वह आईआईटी में दाखिला लेकर फिर सिविल सर्विस सेवा की तैयारी करके समाज में उत्कृष्ट कार्य करें।
सरकारी मदद की गुहार लगाते हुए आकाश ने कहा कि अगर उन्हें सही दिशा में सहयोग मिले, तो वह अपने लक्ष्य को और भी बेहतर तरीके से प्राप्त कर सकते हैं।
बताते चलें कि आकाश के पिता अरुण कुमार एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। जबकि माता सरोज देवी कुशल गृहिणी हैं।
लॉकडाउन से पहले वह सदीसोपुर स्थित एक निजी स्कूल में पढ़ाई करता था, लेकिन कोरोना काल में परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ने के कारण उन्हें सरकारी आर एस उच्च- मध्य विद्यालय सदीसोपुर में दाखिला लेना पड़ा।
वहां के प्रधान शिक्षक सतीश कुमार का विशेष मार्गदर्शन मिला। आकाश ने 8वीं कक्षा में राष्ट्रीय आय सह मेधा परीक्षा उत्तीर्ण कर हर साल 12,000 रुपये की मिलने वाली छात्रवृत्ति से अपना पढ़ाई जारी रखा।
पूरे गांव का सर ऊंचा किया ।
अब बिहार में 7वीं रैंक हासिल कर दिखा दिया कि अगर मेहनत और संकल्प हो तो कोई भी बाधा सफलता की राह में रुकावट नहीं बन सकती।
उनकी सफलता से न केवल उनका परिवार बल्कि पूरा गांव गौरवान्वित है। उनके दादा सुभाष राय अपने पोते की इस उपलब्धि से भावुक हो गए और खुशी से उनकी आंखों में आंसू आ गए।
आकाश ने अपने गांव के साथियों को भी प्रेरित किया था। जिससे उनके दोस्त अंशु कुमार (442), प्रिंस कुमार (420), प्रिया कुमारी (403), रितेश कुमार (383) और शाहिल कुमार (335) अच्छे अंक लाने में सफल रहे।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा घोषित किए गए मैट्रिक के परिणाम के बाद बिक्रम के छात्रों एवं अभिभावकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी।
बिक्रम के गंगाचक निवासी मधेश्वरी रविदास का पुत्र पीयूष ने बिहार में छठा स्थान प्राप्त किया है।पीयूष को 484 अंक आए हैं।पीयूष के पिता जी मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं।
पीयूष आगे की पढ़ाई जारी रखते हुए सिविल सेवा में जाना चाहते हैं।पीयूष ने बताया कि उन्होंने भुवनेश्वरी दयाल उच्च माध्यमिक विद्यालय मनेर तेलपा में पढ़ाई की है।
वहीं उन्होंने कैरियर मंत्रा में पढ़ाई करने की बात कही।बिक्रम के छात्र छात्राओं में एम्बिशस संस्थान से वर्षा कुमारी असपुरा को 460, दिव्या खोरैठा को 454, कविता गंगाचक को 439, निशु असपुरा को 439, अदिति दतियाना को 437, पीयूष कुमार 429, स्नेहा अहियापुर 422, साहिल दनाडा को 421,मोहित कुमार असपुरा 420, अर्जुन फरीदपुर 414, मुस्कान 411, रविकांत, निसरपुरा एवं वरुण खोरैठा को 404 अंक आए हैं।
तमाम सफल विद्यार्थियों को मेरे तरफ से हार्दिक बधाई !👌
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