नॉबतपुर हत्याकांड व दो पुलिस की हत्या सरकार की विफलता !
नीतीश सरकार यह कहते हुए नहीं थक रही है कि 2005 के पहले कोई घर से बाहर निकलता था। ऐसे ढपोरशंखी सरकार को डूब मरना चाहिए कि पटना के नॉबतपुर में ही अपने दरवाजे पर बैठे ललन यादव व इनके दो भतीजे को कुख्यात अपराधी ने गोली मार दिया । ललन यादव की एम्स में मौत हो गई ,जबकि इनके दोनों भतीजा जीवन मौत से जूझ रहे हैं। नॉबतपुर बिक्रम,बिहटा आदि क्षेत्रों में आज भी सामंती मिजाज के लोगों को मन बढ़ा हुआ है और यह कहीं न कहीं सत्ता संरक्षित लोग हैं। एक समय था जब नॉबतपुर में पंचम महतो यही से आतताइयों के कारण समन्तियों को मोम कर दिया था। ललन यादव एक भूमिहीन ,गरीब परिवार से हैं ।शायद वे समन्तियों के जुर्म को प्रतिकार करते थे । आज कुछ वंचित समाज के नेता इनके जूठन चाटकर नेता बनते चल फिर रहे हैं लेकिन अपनी अस्मिता व वजूद को कहीं न कहीं दांव पर लगा दिया है। आज भी कहीं वंचित समाज अल्प संख्यक हैं वहां समन्तियों का अत्याचार कायम है। जो लोग सनातन धर्म के नाम पर उछल रहे हैं, उनकी नींद खुलनी चाहिए।यहां वंचितों का भय सनातनी समन्तियों से है न कि कोई मुस्लिम, सिख ,ईसाई आदि से। इस क्षेत्र के वंचितों आज भी भय के साये में जीते हैं , क्योंकि लोग आपस में राजनीति रूप से बिखड़े हैं। एक जाति को मारता है तो दूसरा मुँह देखता है और दूसरे को मारता है तो तीसरा मुँह देखता है। लालू यादव के राज में सामंती मिजाज के नर पिचाश घर में दुबके रहते थे । खुद को सम्भ्रांत कहने वाले सामंती जातिवाद पर चुपी साध लेंगे। याद रखें वंचित खुद देश में 85 फ़ीसदी हैं ।अगर ये लोग जातिवाद पर उतर आए तो किसी को ठौड़ ठिकाना नहीं होगा। होली में ही बिहार के दो जानवाज पुलिस की हत्या हो गई है। सरकार की इकबाल शायद खत्म हो गई है। पूरी घटना की विस्तृत जानकारी इस तरह है । नॉबतपुर थाना क्षेत्र के छोटी टंगरैला गांव में बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें एक युवक की मौत हो गई। युवक की पहचान ललन यादव (45 वर्ष) के रूप में हुई है। दो लोग गोली लगने से जख्मी हो गए। जख्मी लोगों में प्रेमजीत कुमार एवं प्रेम कुमार शामिल हैं। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और पूरे गांव की घेराबंदी की।
हरेराम को पुलिस हिरासत में लेकर अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। वहीं स्वजनों द्वारा जख्मी को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सक ने तीनों युवक को एम्स रेफर कर दिया, जहां ललन यादव की मौत हो गई।
स्वजनों के मुताबिक, कुछ दिन पूर्व ललन यादव की किसी बात को लेकर गांव के ही एक युवक से कहासुनी हो गई थी। ललन यादव का परिवार यह सोचकर शांत हो गया कि मामला अब ठीक हो गया। इसी बीच गुरुवार की शाम जब ललन यादव अपने भाई शाहानन्द यादव के घर पर बैठा था।
आरोपी चंदन कुमार कई मामलों में वांछित है।वह एक पेशेवर अपराधी है लेकिन पुलिस उसे कुछ नहीं बिगाड़ सकी है।
Comments
Post a Comment