मैं राष्ट्रीय जनता दल का पुनः प्राथमिक व सक्रिय सदस्य बना !

    


जब जनता दल के रूप में था,तभी से 1989 से इसका सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहा हूँ। मेरे साथ कई मित्र व मुझसे वरिष्ठ साथी आज भी राजद के साथ मुस्तैदी से खड़े हैं। बहुत लोग सवाल पूछते हैं कि आखिर राजद ने क्या दिया ? मैं विचारधारा के साथ खड़ा हूँ।मैं पार्टी को क्या दिया ? और अधिक दे सकता हूँ ,अहम सवाल यह है। जिसे पार्टी  ने बहुत कुछ दिया ,एमपी,विधायक, मंत्री,अध्यक्ष ,संगठन में राष्ट्रीय स्तर तक जिम्मेवारी ,वैसे ही अधिकांश लोग दल के साथ भितरघात व कुठाराघात किये हैं ,क्योंकि वैसे लोगों को विचारों से नहीं कुर्सी से लेना-  देना था ।जो विचारों से लैस होते हैं, उसे कोई लोभ लालच ,पद, प्रतिष्ठा प्रभावित नही कर सकता है। मैं साक्षी हूँ कितनों को दिल्ली से पटना के उच्च सदन से लेकर निम्न सदन के सफर करने तक का। कई बार राजनीति कारणों से जान जोख़िम में पड़े हैं। गोली बम से हमले हुए हैं लेकिन मैं कभी हिंसक नहीं हुआ और गांधी जी के रास्ते पर शांतिपूर्ण आंदोलन करता रहा। आज तक राजनीति में किसी से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं हुई और न किसी को  शत्रु मानता हूँ।  मैं   व्यक्तिगत अनुभव से राजनीति का डीएनए करूँ तो बहुत कुछ निकल सकता है लेकिन महसूस करते रहता हूँ। राष्ट्रीय जनता दल (राजद), भारतीय राजनीति की एक प्रमुख पार्टी, अपनी विशिष्ट विचारधारा के लिए जानी जाती है। इस पार्टी का गठन वर्ष 1997 में हुआ था, जब लालू प्रसाद यादव ने जनता दल से अलग होकर नई राजनीतिक पहल की थी। राजद की विचारधारा को मुख्यतः तीन प्रमुख बिंदुओं में बांटा जा सकता है: सामाजिक न्याय और समानता:राजद की विचारधारा का सबसे महत्वपूर्ण तत्व सामाजिक न्याय है। पार्टी का मानना है कि समाज के हर वर्ग को बराबरी का अधिकार प्राप्त होना चाहिए। इसके लिए, राजद ने पिछड़े वर्गों, दलितों, और अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए विशेष प्रयास किए हैं। लोकतांत्रिक मूल्य और धर्मनिरपेक्षता:राजद लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता को भारतीय राजनीति के दो महत्वपूर्ण स्तंभ मानता है। पार्टी का यह भी विश्वास है कि राजनीति में धार्मिक और जातिगत भेदभाव का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।

राजद की विचारधारा में कृषि और ग्रामीण विकास को भी प्रमुखता दी गई है। यह पार्टी कृषक समुदायों और ग्रामीण भारत के विकास के लिए विशेष नीतियाँ और कार्यक्रम संचालित करती है।राजद की इन विचारधाराओं ने बिहार और झारखंड की राजनीति में गहरा प्रभाव डाला है। यह पार्टी न केवल सामाजिक न्याय और समानता की बात करती है, बल्कि इसने अपने राजनीतिक कार्यकाल में इन सिद्धांतों को क्रियान्वित करने का भी प्रयास किया है। राजद की विचारधारा ने भारतीय राजनीति में सामाजिक और आर्थिक समानता की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

आप भी इस विचारधारा से जुड़कर व्यस्था को बदलें।

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