जमालुद्दीन चक पंचायत के कोठियां टोला के स्व योगेंद्र राय की पत्नी को न विधवा पेंशन मिली न इंदिरा आवास।

 


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लालू यादव जी एक बार इनके घर आकर खुद मदद किये थे।

सुबह सुबह मैं टहलने जा रहा था ,स्व योगेंद्र राय की पत्नी की आंखों में आंसू थी।मैं पूछा क्या हुआ ? कल कुत्ता आकर एक बकरी के बच्चा को काट कर मार दिया।  काला वाला बच्चा को मेरे पूछने पर वो हाँ बोली। चूंकि हर दिन टहलने के क्रम में हर रोज उसका हालचाल जरूर पूछता था,इसलिए मुझे उसकी मुफलिसी के बारे में पता है।  सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाएं हैं लेकिन इसके लिए कुछ नहीं है ,क्योंकि योजनाओं को पूरा करने में इतनी क्रेटेरिया है कि बिना दौड़ धूप किये,चढ़ावा चढ़ाए कल्याण होने का सवाल ही नहीं है।अब इसके पास न पैसे हैं न समय है कि कहीं जाए। पंचायत के जनप्रतिनिधियों को ऐसे लोगों को सुध लेने की फुर्सत नहीं है।  इसके पास करीब कुल एक कट्ठा जमीन थे,उसमें आधा कट्ठा बेचकर पति की इलायज करवाई और कुछ बचे पैसे से कुछ घर बनाई। जीवन यापन के लिए दूसरों की मजदूरी व बकरी पालन करते हैं। इसकी गरीबी की दुष्चक्र की लंबी कहानी है ।

संक्षेप में, 

इनके पति जब छोटे थे तो घर से सियार उठाकर ले गया था और पूरा लहूलुहान कर दिया था, हल्ला होने पर जान बची थी लेकिन आजीवन चेहरे पर जख्मों के दाग रह गए थे ,जैसे कल इनके बकरी के बच्चा को कुत्ता मार दिया।अगर माकूल घर होता तो ऐसी घटनाएं नहीं घटती।यही नही घर के बिना एक बार इनके घर में चोर घुस गए थे और पूरे परिवार को काट दिया था, इसमें इनकी एक बच्ची को घर में ही मौत हो गई थी। बाकी घायल सभी  योगेंद्र राय इनकी पत्नी ,पुत्र पुत्री को हमलोग मित्रों के सहयोग से pmch ले गए तो वहां जान बची थी।तत्कालीन सांसद रामकृपाल यादव को मैं pmch ले गया था, जहां उन्होंने भरपूर मदद की थी।बाद राजद नेता ध्रुव यादव, देवकिशुन ठाकुर व फुलवारी के अन्य  साथी मदद किये थे। मेरे और राजद नेताओं के सहयोग से तत्कालीन रेलमंत्री लालू यादव जी योगेंद्र राय के घर कोठियां टोला बाबूचक में इनसे मिलने गए थे और 25 हजार रुपये नकद तथा चावल दाल भी दिए थे।इतनी ही राशि महम्मदपुर, लक्ष्मी चक के पीड़ितों को भी मिली थी।उस वक्त साथ मे रामकृपाल यादव, श्याम रजक सहित अन्य नेता लोग भी थे।इस कांड की जांच के लिए अन्य राजनीतिक दल के नेता भी कमिटी बनाकर जांच किये थे।राष्ट्रीय स्तर के पत्रकार इस घटना को रिपोर्टिंग किये थे और कई दिनों तक फॉलो अप खबरे,कहानियां छपी थी। उस वक्त एक राष्ट्रीय अखबार की इस घटना में योगेंद्र राय की बृद्ध माँ की तस्वीर के साथ इसकी स्टेटमेंट ही शीर्षक में छपी थी - "अब कौन हमर बबुआ के देखतै बाबू ! " यह शीर्षक राजनीतिज्ञों को झकझोर दिया था और इसके बाद लालू जी यहाँ आये थे। आज योगेंद्र राय की माँ की कथन सत्य हो गई है कि कोई इसे देखने वाला नहीं है। 

इस पंचायत की मुखिया गोरगवान निवासी पप्पू पासवान की पत्नी है तो इनके पड़ोसी फुलवारी प के जिला पार्षद दीपक मांझी है। आपलोग कम से कम इस विधवा को विधवा पेंशन व इंदिरा आवास बनवा दें तो बड़ी कृपा होगी।

गरीबी एक ऐसी आग है जिसमें इंसान हर पल जलता रहता है। यह सिर्फ पैसों की कमी नहीं, बल्कि सम्मान, अवसर और बुनियादी ज़रूरतों की कमी है। एक गरीब व्यक्ति सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक अनगिनत चुनौतियों का सामना करता है।

पेट की आग: सबसे बड़ी दुश्वारी तो दो वक़्त की रोटी जुटाना है। भूखे पेट काम करना, बच्चों को भूखा देखना, यह एक ऐसी पीड़ा है जिसे शब्दों में बयाँ करना मुश्किल है। हर निवाला एक संघर्ष है, हर दिन एक जंग।

आश्रय की तलाश: सिर छुपाने की जगह नसीब होना भी एक सपना होता है। टूटे-फूटे घर, फुटपाथ या झुग्गी-झोपड़ी में ज़िंदगी गुजारना, जहाँ मौसम की मार और सुरक्षा का खतरा हमेशा बना रहता है।

स्वास्थ्य की चुनौती: गरीबी बीमारियों का घर होती है। कुपोषण, गंदगी और इलाज की कमी गरीबों को आसानी से बीमार बना देती है। छोटी-मोटी बीमारियाँ भी जानलेवा साबित हो सकती हैं, क्योंकि उनके पास डॉक्टर और दवाइयों के पैसे नहीं होते।

शिक्षा का अभाव: गरीबी बच्चों के भविष्य को अंधकारमय बना देती है। उन्हें खेलने-कूदने और पढ़ने-लिखने की उम्र में काम करना पड़ता है। शिक्षा के अभाव में वे गरीबी के चक्रव्यूह से कभी बाहर नहीं निकल पाते हैं।

सम्मान की कमी: गरीब व्यक्ति को समाज में अक्सर हीन भावना से देखा जाता है। उन्हें वह सम्मान नहीं मिलता जो हर इंसान का हक है। हर कदम पर अपमान सहना उनकी ज़िंदगी का हिस्सा बन जाता है।

उम्मीद का टूटना: लगातार संघर्ष और निराशा के कारण गरीबों की उम्मीदें धीरे-धीरे टूटने लगती हैं। उन्हें लगता है कि उनकी ज़िंदगी कभी नहीं बदलेगी। यह निराशा उन्हें और भी कमजोर बना देती है।

गरीबी सिर्फ एक आर्थिक समस्या नहीं है, यह एक मानवीय त्रासदी है। हमें इसे जड़ से खत्म करने के लिए मिलकर काम करना होगा, ताकि हर इंसान को एक सम्मानजनक और खुशहाल जीवन जीने का अवसर मिल सके। #pmindia 

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