बिहार में हत्या का तांडव ! (कविता )- प्रो प्रसिद्ध कुमार।

     कल मसौढ़ी, आज पटना,

दिनदहाड़े हत्या का तांडव।

सुशासन का इकबाल कहाँ,

कानून का भय हुआ मांदव?


जंगलराज का शोर मचाने वाले,

अब क्यों चुप्पी साधे बैठे हो?

अपराधी निर्भय घूम रहे,

क्यों इन पर कुछ न कहते हो?


पुलिस का डर न, कानून का खौफ,

सरकार मगन आयोग बनाने में।

आम आदमी भयभीत, सशंकित,

जीना हुआ दुश्वार ज़माने में।


Comments

  1. "कानून का भय हुआ मांदव?" का अर्थ है: "क्या कानून का डर कमज़ोर पड़ गया है?"

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