अभावों के आकाश में चमका एक नया सितारा: एकता यादव !-प्रो प्रसिद्ध कुमार।

   


जीवन की पगडंडियां अक्सर कांटों भरी होती हैं, विशेषकर उनके लिए जो समाज के हाशिये पर खड़े हैं, जहाँ सुविधाओं का सूर्य अस्त होता दिखाई देता है। लेकिन कभी-कभी, इन्हीं अंधेरे कोनों से ऐसी लौ प्रज्वलित होती है जो सिर्फ अपना मार्ग ही नहीं रोशन करती, बल्कि दूसरों के लिए भी मशाल बन जाती है। गोरखपुर की धरती से उपजी एकता यादव ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी हैं, जो अभावों और संघर्षों को चीरकर सफलता के शिखर पर पहुँची हैं। उनकी यह उपलब्धि मात्र एक व्यक्तिगत विजय नहीं, बल्कि वंचित समाज और नारी शक्ति के लिए एक उद्घोषणा है – 'हम भी कम नहीं!'

एकता यादव, जिन्होंने UGC-NET 2025 में सफलता का परचम लहराया है, उन लाखों बेटियों के लिए एक जीवंत उदाहरण हैं जो परिस्थितियों के बोझ तले दबकर अपने सपनों को दफन कर देती हैं। उनका जीवन मानो उस छोटे से पौधे के समान है, जो पत्थरों और चट्टानों के बीच से रास्ता बनाकर, सूर्य की एक किरण की तलाश में, अपनी जड़ों को मजबूत करता है और अंततः खिल उठता है। गोरखपुर के जैसे छोटे शहर से निकलकर, जहाँ उच्च शिक्षा के संसाधनों की कमी अक्सर एक कटु सत्य होती है, राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाना, किसी हिमालय को लाँघने से कम नहीं।

कल्पना कीजिए, एक ऐसी छात्रा जिसकी पढ़ाई की राह में आर्थिक तंगी का अँधेरा घना रहा हो, फिर भी उसने अपने ज्ञान की ज्योति को कभी मंद नहीं पड़ने दिया। यह ठीक वैसा ही है जैसे एक नन्हा दिया, तूफानों के बावजूद, अपनी टिलमिलाती लौ को स्थिर रखता है और अंततः पूरे घर को प्रकाशित कर देता है। एकता की सफलता हमें सिखाती है कि साधनहीनता कभी भी सच्ची लगन और अथक परिश्रम की दुश्मन नहीं हो सकती। उनके पिता, जो एक छोटे से गाँव में रहकर भी अपनी बेटी के सपनों को पंख देने के लिए संघर्ष करते रहे, वे सभी माता-पिता के लिए एक आदर्श हैं जो अपनी बेटियों के भविष्य को संवारने के लिए हर बाधा को पार करने को तैयार रहते हैं।

एकता यादव की यह कहानी उन नारियों के लिए एक संजीवनी बूटी है, जिन्हें अक्सर "तुमसे नहीं होगा" या "यह तुम्हारे बस की बात नहीं" जैसे जुमलों से बांध दिया जाता है। उनकी विजय यह साबित करती है कि नारी शक्ति असीमित है, और यदि उन्हें सही अवसर और थोड़ा सा प्रोत्साहन मिले तो वे आसमान को भी छू सकती हैं। यह उन सभी वंचित समाजों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है, जिन्हें अक्सर अपने सामर्थ्य पर संदेह करने को मजबूर किया जाता है। एकता यादव ने दिखाया है कि परिश्रम और दृढ़ संकल्प के बल पर, गरीबी की बेड़ियाँ भी तोड़ी जा सकती हैं, और शिक्षा का प्रकाश हर अंधेरे कोने तक पहुँच सकता है।

उनकी यह उपलब्धि एक संदेश है - 'यदि आप में लगन है, तो आप अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए कोई भी बाधा पार कर सकते हैं।' यह ठीक वैसे ही है जैसे एक छोटी सी चींटी अपनी लगन से बड़े-बड़े पहाड़ पर चढ़ जाती है। आइए, हम सभी एकता यादव की इस प्रेरणादायक यात्रा से सीख लें और अपने सपनों को साकार करने के लिए न केवल अथक प्रयास करें, बल्कि दूसरों को भी प्रेरित करें, ताकि हर वंचित समाज और हर नारी को अपनी छिपी हुई शक्ति को पहचानने का अवसर मिल सके।

एकता यादव को बहुत-बहुत बधाई और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना! उनकी यह सफलता एक नए युग की शुरुआत है, जहाँ हर व्यक्ति को अपनी प्रतिभा निखारने का समान अवसर मिलेगा।





 

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