विकास और पर्यावरण दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।
वायु प्रदूषण के कारण हर साल लगभग 7 मिलियन लोगों की मृत्यु होती है।
विकास और पर्यावरण को अक्सर एक-दूसरे का विरोधी समझा जाता है, लेकिन दोनों को साथ लेकर ही हम भविष्य की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। वर्तमान में, पर्यावरण और प्रदूषण से संबंधित आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं।
पर्यावरण और प्रदूषण के आंकड़े
आज दुनिया भर में प्रदूषण एक विकराल रूप ले चुका है, और इसके पीछे कई चौंकाने वाले आंकड़े हैं:
वायु प्रदूषण: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वायु प्रदूषण के कारण हर साल लगभग 7 मिलियन लोगों की समय से पहले मृत्यु हो जाती है। वायु में मौजूद PM2.5 जैसे सूक्ष्म कण श्वसन और हृदय संबंधी गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं।
जल प्रदूषण: संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में 80% से अधिक अपशिष्ट जल को बिना उपचारित किए सीधे नदियों और महासागरों में बहा दिया जाता है। इससे जलीय जीवन और मानव स्वास्थ्य दोनों को खतरा है।
प्लास्टिक प्रदूषण: हर साल लगभग 12 मिलियन टन प्लास्टिक महासागरों में प्रवेश करता है, जिससे समुद्री जीव-जंतुओं का जीवन खतरे में है। प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकड़े, जिन्हें माइक्रोप्लास्टिक कहते हैं, अब खाद्य श्रृंखला में भी शामिल हो चुके हैं।
जैव विविधता: वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 50 वर्षों में वन्यजीवों की आबादी में 69% की कमी आई है। जंगल काटे जाने, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के कारण कई प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं।
इन आंकड़ों से साफ है कि यदि हमने तुरंत ठोस कदम नहीं उठाए, तो भविष्य में स्थिति और भी भयावह हो सकती है।
समाधान की दिशा
विकास को पर्यावरण के साथ संतुलित करने के लिए हमें निम्न उपाय अपनाने होंगे:
नवीकरणीय ऊर्जा: जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करके सौर, पवन और जल विद्युत जैसी नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देना।
अपशिष्ट प्रबंधन: अपशिष्ट को कम करना, पुनः उपयोग और पुनर्चक्रण (Reduce, Reuse, Recycle) के सिद्धांत को अपनाना।
वनारोपण: अधिक से अधिक पेड़ लगाना और वनों की कटाई को रोकना।
जागरूकता: जन सामान्य को पर्यावरण संरक्षण के महत्व के प्रति जागरूक करना।
विकास और पर्यावरण एक-दूसरे के पूरक हैं। यदि हम सतत विकास के लक्ष्यों को अपनाते हुए आगे बढ़ें, तो एक स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य का निर्माण संभव है।

Comments
Post a Comment