शहीद कॉमरेड विजेंद्र प्रसाद: एक मशाल, जो आज भी जल रही है
आज, जब पुनपुन प्रखंड के बेहरावा शहीद चौक पर कदम रखे, तो हवा में केवल शांति नहीं थी। 21 साल पहले जिस माटी ने अपने वीर सपूत का लहू पिया था, आज भी वह मिट्टी उस शहीद कॉमरेड विजेंद्र प्रसाद के साहस की कहानी कह रही थी। यह केवल एक शहादत दिवस नहीं था; यह उन सपनों को फिर से जीने का दिन था जिनके लिए उन्होंने अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया।
21 साल बाद भी नाम अमर है
21वीं स्मृति दिवस पर, जब हमने शहीद के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित किए, तो हर फूल, हर माला एक मूक श्रद्धांजलि थी। भाकपा माले के वरिष्ठ नेता और हमारे प्रेरणास्रोत, कॉमरेड विजेंद्र प्रसाद को याद करते हुए, दो मिनट का मौन पूरी सभा पर छा गया। उस मौन में, हमने उनकी दहाड़ सुनी—वह दहाड़ जो गरीबों के मान-सम्मान के लिए उठी थी, वह दहाड़ जिसने सामंतियों को पुनपुन की धरती से खदेड़कर भगाने का काम किया था।
आज, जब स्थानीय विधायक गोपाल रविदास जी सहित अन्य साथियों ने झंडोत्तोलन किया, तो लगा जैसे कॉमरेड का संकल्प हवा में लहरा रहा है। उनकी धर्म पत्नी, मझौला देवी, और पार्टी के अन्य वरिष्ठ साथियों को जब अंग वस्त्र से सम्मानित किया गया, तो यह केवल उनका सम्मान नहीं था; यह उस त्याग और संघर्ष को नमन था जो उनके परिवार ने कॉमरेड के जाने के बाद भी जारी रखा।
संघर्ष की विरासत और वर्तमान की चुनौती
कॉमरेड योगेंद्र केवट की अध्यक्षता में हुई इस शोकसभा में, विधायक गोपाल रविदास जी के शब्द मार्मिक थे। उन्होंने सही कहा, विजेंद्र प्रसाद एक व्यक्ति नहीं, एक विचारधारा का नाम है। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जो हमेशा दलित, गरीब और पिछड़ों की लड़ाई में सबसे आगे खड़े रहे। उनका बलिदान हमें सिखाता है कि न्याय की लड़ाई में कीमत चुकानी पड़ती है, पर ईमानदारी कभी नहीं हारती।
आज भी, राजनीति में वही चालें हैं, वही प्रलोभन हैं। विधायक जी ने साफ कहा कि नीतीश सरकार द्वारा महिलाओं को 10 हजार रुपये देने का वादा चुनावी रिश्वत से कम नहीं है। यह उन 94 लाख गरीबों को दिए गए दो-दो लाख रुपये के झूठे वादे की याद दिलाता है जो कभी पूरे नहीं हुए। उनकी हताशा और निराशा साफ दिखाई देती है। पर बिहार की जनता अब झाँसे में आने वाली नहीं है।
सच्ची श्रद्धांजलि का संकल्प
कॉमरेड विजेंद्र प्रसाद को सच्ची श्रद्धांजलि तभी मिलेगी जब हम उनके सपने को पूरा करेंगे। उनके सपने में एक ऐसा बिहार था जहाँ गरीब को उसका हक मिले, जहाँ पिछड़ों को मान-सम्मान मिले, और जहाँ सामंती ताकतें कुर्सी से उखड़ फेक दी जाएं। विधायक जी का यह आह्वान दिलों को छू गया: इस बार हर गरीब का वोट, हर पिछड़े का वोट, महागठबंधन को मिलना चाहिए ताकि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनें और वोट चोरी करने वाली इस सरकार को सबक सिखाया जा सके।
आज इस अवसर पर मोहन जी, सत्यनारायण प्रसाद, जय प्रकाश पासवान, सरपंच विजय प्रसाद, राकेश मांझी और सैकड़ों साथियों की उपस्थिति यह बताती है कि कॉमरेड विजेंद्र प्रसाद का मशाल आज भी हजारों दिलों में जल रहा है। यह आग बुझने वाली नहीं है।
कॉमरेड, आपका नाम हमेशा अमर रहेगा। हम लड़ते रहेंगे!
शहीद कॉमरेड विजेंद्र प्रसाद अमर रहे!

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