खगौल के गौरव: रेखा सिन्हा और रणवीर प्रताप को सम्मान
सूत्रधार परिवार की ओर से इन दोनों ही महान विभूतियों को उनकी सफलता पर हार्दिक !
इन दोनों की उपलब्धियां खगौल के लिए गौरव का क्षण हैं।
खगौल, जो अपने गौरवशाली और ऐतिहासिक पहचान के लिए जाना जाता है, एक बार फिर अपने दो होनहार लोगों की वजह से चर्चा में है। कला, संगीत और समाज सेवा के क्षेत्र में यहां के लोगों ने न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश और दुनिया में अपना परचम लहराया है। इसी कड़ी में, हाल ही में खगौल के दो जीनियस व्यक्ति - रेखा सिन्हा और रणवीर प्रताप - को उनकी विशिष्ट भूमिका के लिए नामांकित किया गया है।
समाज सेवा के नायक:रणवीर प्रताप
ज्ञानपात्र फाउंडेशन के संस्थापक और युवा महान क्रांतिकारी प्रताप को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए हरियाणा में आयोजित 'वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस' सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान उन्हें 'निफा' द्वारा प्रदान किया गया, जिसमें इंग्लैंड और यांग कंपनियों के निर्माता भी शामिल थे। इस कार्यक्रम में भारत के सभी 28 राज्यों के सामाजिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, और पूरे देश से क्रांतिवीर प्रताप को पटना, बिहार का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना।
कलाकार और उनकी टीम पिछले 7 वर्षों से पटना के विभिन्न क्षेत्रों में निस्वार्थ भाव से काम कर रही है। वे सैकड़ों गरीब और बेसहारा लोगों को मुफ्त शिक्षा और भोजन प्रदान करते हैं। इसके अलावा, उन्होंने कई लावारिस लोगों की प्रतिष्ठा कर अपनी जान बचाई है। इस अनमोल और अद्भुत कार्य के लिए उन्हें पटना जिले के 'सर्वश्रेष्ठ सामाजिक कार्यक्रम' से भी सम्मानित किया गया है।
लोक गायन की शान: रेखा सिन्हा
दूसरी ओर, प्रसिद्ध लोक चिकित्सा एवं खगौल की बेटी रेखा सिन्हा को कला संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा 'विंध्यवासिनी देवी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान लोक गायन क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया है। इस समारोह में बिहार सरकार ने कुल 52 कलाकारों को 'बिहार कला पुरस्कार' से नवाजा, और रेखा सिन्हा को भी इस उपाधि की सूची में शामिल किया गया।
रेखा ने अपनी सुरीली आवाज और गायन से लोक संगीत को एक नई पहचान दी है, और इस सम्मान ने अपनी कला और मेहनत को एक बार फिर प्रमाणित किया है।
उनकी कहानियाँ हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।


Comments
Post a Comment