नमकहरामों की वोट की जरूरत नहीं ! - केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ।

 


खुद तो जाएगा सनम ,दूसरों को भी ले डूबेगा।

यह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का बयान है, जो बीजेपी के नेता हैं। जदयू (जनता दल यूनाइटेड), लोजपा (लोक जनशक्ति पार्टी) और हम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के घटक दल हैं, जिसमें बीजेपी भी शामिल है।

इस वक्तव्य से जदयू, लोजपा, हम को नुकसान:

अल्पसंख्यक वोटों का ध्रुवीकरण: गिरिराज सिंह का यह बयान अल्पसंख्यक समुदाय (मुख्यतः मुस्लिम) को सीधे तौर पर अपमानजनक लग सकता है। इससे इस समुदाय के वोटों का महागठबंधन (राजद, कांग्रेस आदि) के पक्ष में और मजबूत ध्रुवीकरण हो सकता है, जिससे एनडीए के घटक दलों (जदयू, लोजपा, हम) को इन क्षेत्रों में भारी नुकसान होने की आशंका है।

जदयू की 'सेक्युलर' छवि को क्षति: जदयू प्रमुख नीतीश कुमार ने हमेशा एक 'सेक्युलर' और समावेशी नेता की छवि बनाए रखने की कोशिश की है और उनका अल्पसंख्यक समुदाय में भी कुछ हद तक जनाधार रहा है। इस तरह के बयानों से जदयू की उस छवि को गंभीर क्षति पहुँचती है और अल्पसंख्यक मतदाता जदयू से पूरी तरह विमुख हो सकते हैं।

साझेदार दलों पर दबाव: जदयू, लोजपा और हम पर अपने गठबंधन सहयोगी के इस तरह के बयान पर प्रतिक्रिया देने का राजनीतिक दबाव बनेगा। अगर वे चुप्पी साधते हैं या बचाव करते हैं, तो अल्पसंख्यक समुदाय में उनका बचा-खुचा समर्थन भी खत्म हो सकता है।

अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र जहाँ नुकसान हो सकता है:

बिहार में मुस्लिम आबादी लगभग 17% है और यह कई विधानसभा क्षेत्रों में निर्णायक भूमिका निभाती है। खासकर निम्नलिखित क्षेत्रों में इसका सीधा नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है:

सीमांचल क्षेत्र - यह मुस्लिम-बहुल आबादी वाला क्षेत्र है जहाँ अल्पसंख्यक वोट सबसे अधिक केंद्रित हैं।

जिले: किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, अररिया।

विधानसभा सीटें (उदाहरण): किशनगंज, कोचाधामन, बायसी, अमौर, बलरामपुर, कदवा आदि। इन सीटों पर अल्पसंख्यक मतदाता जीत-हार तय करते हैं।

अन्य मुस्लिम बहुल सीटें:

पूर्वी चंपारण (कुछ क्षेत्र)

पश्चिमी चंपारण (कुछ क्षेत्र, जैसे सिकटा)

दरभंगा, भागलपुर और सीतामढ़ी जिलों के कुछ विधानसभा क्षेत्र।

 यह बयान एनडीए के लिए अल्पसंख्यक वोट बैंक को पूरी तरह से महागठबंधन की ओर धकेलने का काम कर सकता है, जिसका सबसे ज्यादा खामियाजा जदयू को उठाना पड़ सकता है, जिसने अल्पसंख्यक समुदाय में सेंध लगाने की कोशिशें की हैं।

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