विकास की दौड़ और भूख की चुनौती !-प्रो प्रसिद्ध कुमार।
प्रत्येक देश विकास के पथ पर अग्रसर होने का दावा करता है। अल्पविकसित देश विकासशील बनना चाहते हैं, वहीं विकासशील राष्ट्र विकसित देशों की श्रेणी में शामिल होने की होड़ में हैं। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सरकारें न केवल प्रयास करती हैं, बल्कि विकास के संदर्भ में अपनी उपलब्धियां और विकास दर के आंकड़े भी प्रस्तुत करती हैं, जिनके आधार पर देश की प्रगति का आकलन होता है।
हालांकि, जब विकास के दावों के बीच कोई ऐसा आंकड़ा सामने आता है जो यह दर्शाता हो कि देश अभी भी 'भूख' (Hunger) जैसी मूलभूत समस्या का समाधान नहीं कर पाया है, तब विकास के सभी आंकड़े अधूरे और निरर्थक लगने लगते हैं। यह स्थिति विकास की वास्तविक परिभाषा और उसकी समावेशिता पर एक गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती है।

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