बिजली रानी: जिसके लिए शादियों की तारीखें बदल जाती थीं - एक श्रद्धांजलि !-😢प्रो प्रसिद्ध कुमार।

   


​बिहार और भोजपुरी लोक संगीत जगत की वह सितारा, जिसकी खनकदार आवाज़ और शानदार नृत्य ने एक पूरे दौर को रौशन कर दिया, वह थीं बिजली रानी। उनके निधन से भोजपुरी कला जगत में एक ऐसा शून्य पैदा हो गया है जिसे भर पाना मुश्किल है।

​प्रतिष्ठा का पर्याय

​बिजली रानी केवल एक नर्तकी या गायिका नहीं थीं; वह एक युग थीं, एक संस्था थीं। 90 के दशक में, खासकर शाहाबाद, भोजपुर और मगध क्षेत्रों में, किसी भी शादी या शुभ आयोजन की सफलता की गारंटी उनके कार्यक्रम की उपस्थिति से मापी जाती थी। उनके नाच और गायन को सामाजिक प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जाता था।

उनके कार्यक्रम को बुक करने के लिए किसी "पोथी-पत्रा" या लंबी लिखा-पढ़ी की ज़रूरत नहीं होती थी। लोग अपनी शादी की तारीख़ें उनके उपलब्ध कैलेंडर के हिसाब से तय करते थे। किसी समारोह में उनका "साटा" (करार/बुकिंग) हो जाना ही इस बात का प्रमाण था कि वह आयोजन कितना भव्य और महत्वपूर्ण होगा। उनका नाम ही एक ऐसी मुहर थी, जिसके बिना कोई भी स्टेज शो अधूरा माना जाता था।

​अद्वितीय कला और प्रभाव

​बिजली रानी की पहचान उनकी दमदार, खनकदार आवाज़ और उनके ऊर्जावान, शानदार नृत्य में थी। स्टेज पर उनकी उपस्थिति मात्र ही ऐसी होती थी जैसे बिजली कौंध गई हो – शायद इसीलिए उनका नाम भी 'बिजली' था। वह अपनी कला के माध्यम से दर्शकों के दिलों पर राज करती थीं और उनका कार्यक्रम देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता था। उन्होंने लोक कला और थिएटर को एक नई ऊंचाई दी, उसे जन-जन तक पहुँचाया और उसे सम्मान का पात्र बनाया।

​संघर्ष और सम्मान

​कला के शिखर पर पहुंचने के बाद जीवन के अंतिम पड़ाव में उन्हें स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। भोजपुरी इंडस्ट्री और उनके चाहने वालों ने इस मुश्किल घड़ी में उनका साथ दिया, जो यह दर्शाता है कि उन्होंने अपने जीवनकाल में कितना सम्मान और प्रेम अर्जित किया था।

​अंतिम विदाई

​बिजली रानी भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी विरासत अमर है। वह उन लोक कलाकारों की श्रेणी में हमेशा शुमार रहेंगी, जिन्होंने अपनी कला से परंपराओं को जीवित रखा और जिनके लिए लोगों ने अपने जीवन के महत्वपूर्ण दिनचर्या को बदल दिया।

​बिजली रानी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि। लोक कला के आसमान का यह सितारा हमेशा चमकता रहेगा।

Comments

Popular posts from this blog

डीडीयू रेल मंडल में प्रमोशन में भ्रष्टाचार में संलिप्त दो अधिकारी सहित 17 लोको पायलट गिरफ्तार !

जमालुद्दीन चक के पूर्व मुखिया उदय शंकर यादव नहीं रहे !

अलविदा! एक जन-नेता का सफर हुआ पूरा: प्रोफेसर वसीमुल हक़ 'मुन्ना नेता' नहीं रहे !