अठन्नी के बदले 15 हजार रुपये चुकाने होंगें पोस्ट ऑफिस को।

 


जागरूक उपभोक्ता की मिसाल इससे बड़ा और क्या हो सकता है? आमजन रुपया दो रुपया का वैल्यू नहीं समझते हैं लेकिन 50 पैसे का मोल क्या होता है? लोग जान गये।

तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले का मामला है. यहां डाक विभाग पर भारी भरकम जुर्माना लगाया गया है. स्थानीय पोस्ट ऑफिस से महज 50 पैसे की चूक हुई, जिसे समय रहते दुरुस्त नहीं किया गया. अब डाक विभाग को इस 50 पैसे की जगह 3 करोड़ गुना जुर्माने के तौर पर 15 हजार रुपये चुकाने होंगे.

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक कांचीपुरम जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने अपने एक आदेश में इंडिया पोस्ट को आदेश दिया है कि वह एक उपभोक्ता को उसके 50 पैसे वापस करे. इसके साथ ही और उसे मानसिक पीड़ा, अनुचित व्यापार व्यवहार और सेवा दोष के लिए 10 हजार रुपये का मुआवजा दे. इसके साथ ही मुकदमेबाजी पर हुए खर्च के लिए 5,000 रुपये का भुगतान करे.

यह दिलचस्प मामला पिछले वर्ष शुरु हुआ. माणशा नाम के व्यक्ति 13 दिसंबर, 2023 को पोझिचलूर पोस्ट ऑफिस में एक रजिस्टर्ड डाक के लिए 30 रुपये नकद दिए. लेकिन, पोस्ट ऑफिस से दी गई रसीद में सिर्फ 29.50 रुपये ही दिखाए गए. माणशा को जब 50 पैसे वापस नहीं दिए गए, तो उन्होंने यूपीआई के जरिये 29.50 रुपये जमा करने का प्रयास किया, लेकिन तकनीकी कारणों से यह संभव नहीं हुआ.

बाद में जब माणाशा को पोस्ट ऑफिस की तरफ से यह रकम नहीं लौटाई गई, तो वे इस मामले को उपभोक्ता आयोग में ले गए. यहां उन्होंने दलील दी कि देश के तमाम पोस्ट ऑफिसों में रोजाना लाखों रुपये का लेनदेन होता है. अगर हर जगह ऐसी ही स्थिति हुई, तो इससे सरकार को गंभीर नुकसान पहुंच रहा होगा. इसके साथ ही उन्होंने गंभीर मानसिक पीड़ा के लिए भी मुआवजा मांगा.

जब माणशा ने इंडिया पोस्ट के खिलाफ वाद दायर किया, तो उपभोक्ता आयोग से मांग की थी कि उन्हें 50 पैसे ब्याज के साथ लौटाए जाएं. इसके अलावा जो मानसिक पीड़ा हुई उसकी क्षतिपूर्ति के लिए 2.5 लाख रुपये और कानून खर्च के लिए 10 हजार रुपये दिए जाएं. हालांकि, आयोग ने माणशा की इन मांगों को खारिज कर दिया.

मामले की सुनवाई के दौरान इंडिया पोस्ट ने अपने बचाव में कहा कि तकनीकी कारणों से उस समय डिजिटल भुगतान नहीं हो पाया था. इसी वजह से नकद लिया गया. वहीं, जो 50 पैसे सॉफ्टवेयर की तरफ से ऑटोमैटिक राउंडऑफ किए जाने की वजह से कम हो गए.

उपभोक्ता आयोग ने पोस्ट ऑफिस की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि 50 पैसे अतिरिक्त लेना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत अनुचित व्यापार व्यवहार का उदाहरण है. इसके साथ ही इंडिया पोस्ट को उपभोक्ता को 50 पैसे लौटाने का आदेश दिया. इसके साथ ही मानसिक पीड़ा पहुंचाने के लिए 10 हजार रुपये का मुआवजा व 5,000 रुपये केस पर हुए खर्च के तौर पर देने को कहा


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