2 जागो जनता जागो ! फुलवारी का 'जवाब-सवाल': वो 5 ज्वलंत मुद्दे, जिन पर जनता मांगेगी हिसाब!- प्रो प्रसिद्ध कुमार।



आज दोपहर 3 बजे प्रखंड मुख्यालय पर निम्न सवालों को आप रखें।

क्या विकास की रोशनी फुलवारी तक पहुंची है? राजधानी पटना से सटा होने के बावजूद, फुलवारी विधानसभा क्षेत्र  आज भी कई बुनियादी समस्याओं से जूझ रहा है। चुनाव नजदीक आते ही, स्थानीय जनता अपने जनप्रतिनिधियों से उन सवालों का हिसाब मांगेगी, जो उनके दैनिक जीवन को प्रभावित करते हैं।

यहाँ फुलवारी के 5 सबसे बड़े और ज्वलंत मुद्दे हैं, जिन पर हर उम्मीदवार को जनता के सामने स्पष्टीकरण देना होगा:



1. जीविका का 'वोट गिफ्ट' या ब्याज वाला ऋण?


बिहार सरकार ने हाल ही में जीविका दीदियों के खाते में ₹10,000 की पहली किस्त भेजी है, जिसे 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' के तहत दिया गया है। यह फैसला महिला सशक्तिकरण के लिए एक बड़ी पहल है, लेकिन सवाल यह है:

जनता का सवाल:

बिहार सरकार द्वारा अभी जीविका के खाते में 10-10 हजार रुपये दिए गए हैं। क्या इसे ब्याज सहित सरकार वसूलेगी या फिर यह वोट गिफ्ट है? स्पष्ट करें।

तथ्य क्या है?

यह राशि ब्याज सहित चुकाने वाला ऋण (Loan) है, न कि सीधा 'गिफ्ट'। यह 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' के तहत दिया गया है, जिसमें 6 महीने बाद प्रदर्शन के आधार पर ₹2 लाख तक का अतिरिक्त ऋण भी मिल सकता है। सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार, इस पर 12% प्रति वर्ष की ब्याज दर लागू होती है और इसे एक निश्चित समय सीमा में चुकाना होता है। नेताओं को इस योजना की सच्चाई और इसके 'लोन' (ऋण) स्वरूप को जनता के सामने साफ करना होगा।



2. एम्स की सड़क का बुरा हाल: आखिर जिम्मेवार कौन?


पटना एम्स (AIIMS) एक राष्ट्रीय स्तर का स्वास्थ्य संस्थान है, लेकिन वहां तक जाने वाली सड़कों का हाल किसी भी सभ्य क्षेत्र के लिए शर्म की बात है। सड़क पर गड्ढे, कीचड़ और जलजमाव आम बात है, जिससे मरीजों को अस्पताल पहुंचने में भी जान का खतरा होता है।

जनता का सवाल:

एम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में सड़क का बुरा हाल है, जलजमाव व सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हैं, इसके लिए जिम्मेवार कौन? स्थानीय विधायक और नगर निगम / पथ निर्माण विभाग इस पर कब कार्रवाई करेंगे?

एम्स की सड़क पर गड्ढे और जलजमाव केवल असुविधा नहीं है, यह स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचने में एक बड़ी बाधा है। यह नाला निर्माण न होने और अतिक्रमण के कारण जल निकासी की सही व्यवस्था न होने का सीधा परिणाम है।



3. अंचल कार्यालयों में 'दलाल राज': भ्रष्टाचार से निजात कब?


सरकारी दफ्तरों, खासकर अंचल (Circle) और ब्लॉक कार्यालयों में बिना 'दलाल' (बिचौलिए) के कोई काम नहीं होता। जमीन की मापी से लेकर कागजी कार्रवाई तक, हर जगह भ्रष्टाचार का जाल फैला हुआ है।

जनता का सवाल:

अंचल में बिना दलालों के कोई काम नहीं होता। इस भ्रष्टाचार से निजात कब मिलेगी? क्या जनप्रतिनिधि जनता को 'दलाल मुक्त' दफ्तरों का वादा कर सकते हैं?

यह स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि के नियंत्रण पर सीधा सवाल है। जनता चाहती है कि ऑनलाइन सेवाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए और बिचौलियों के नेटवर्क को खत्म किया जाए।



4. फुलवारी जाम की समस्या: समाधान क्या है?


फुलवारीशरीफ में ट्रैफिक जाम एक लाइलाज बीमारी बन चुका है। अनीसाबाद से एम्स तक के छोटे से सफर में घंटों लग जाते हैं, जिससे एम्बुलेंस भी समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाती।

जनता का सवाल:

फुलवारी में जाम की समस्या क्यों है? इसके पीछे अतिक्रमण है, नो-एंट्री का उल्लंघन है या फिर यातायात प्रबंधन में लापरवाही? स्थाई समाधान क्या है?

विशेषज्ञों का मानना है कि सड़क किनारे अतिक्रमण और सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक बड़े वाहनों की नो-एंट्री लागू न होना जाम का मुख्य कारण है। स्थानीय प्रतिनिधियों को इस पर तुरंत ठोस नीति और क्रियान्वयन की मांग करनी होगी।



5. पंचायतों में फेल योजनाएं: भ्रष्टाचारियों का हिसाब कौन लेगा?


ग्रामीण फुलवारी की पंचायतों में सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं केवल कागजों पर सफल दिखती हैं।

जनता का सवाल:

पंचायतों में लगे सोलर लाइट खराब हैं, जल-नल योजना फेल है, शौचालय के पैसे फर्जी तरीके से निकाले गए और लाभुक हाथ मलते रह गए। इन सब का दोषी कौन है और फर्जी निकासी करने वालों पर कार्रवाई कब होगी?

सोलर लाइट: लाखों रुपये खर्च कर लगीं सोलर लाइटें खराब पड़ी हैं।

नल-जल योजना: कहीं पाइप टूटी है, तो कहीं पानी ही नहीं आता।

शौचालय/अन्य योजनाएं: फर्जी हस्ताक्षर और जाली दस्तावेजों से पैसा निकाला गया है, जबकि गरीब लाभुक आज भी सरकारी सहायता की राह देख रहे हैं।

जनता को यह जानने का हक है कि इन योजनाओं के फंड में हुई हेराफेरी के लिए कौन से अधिकारी और स्थानीय प्रतिनिधि जवाबदेह हैं, और उनसे कब वसूली की जाएगी।

फुलवारी की जनता तैयार है। अब देखना यह है कि उम्मीदवारों के पास इन सवालों का 'संतुष्टिदायक जवाब' है या नहीं।


आप इनमें से किस मुद्दे को सबसे महत्वपूर्ण मानते हैं? अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें!



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