गाँव से वायुसेना मुख्यालय तक: 'नभः स्पृशं दीप्तम्' - एक पिता का स्वाभिमान !-प्रो प्रसिद्ध कुमार।




मेरे लिए आज का दिन वास्तव में गर्व का दिन है। जब मैंने इस तस्वीर को देखा, तो मेरा हृदय आत्म-गौरव से भर उठा। एक गाँव की मिट्टी से निकलकर मेरा छोटा पुत्र, इंजी.आशुतोष कुमार, देश की रक्षा की सर्वोच्च जिम्मेदारी संभालने वाले भारतीय वायु सेना प्रमुख और अन्य वीर अधिकारियों के साथ वायु सेना मुख्यालय, दिल्ली में एयरफोर्स डे के पूर्व चाय पार्टी में शामिल है। यह केवल एक टी पार्टी नहीं, बल्कि एक साधारण भारतीय परिवार के असाधारण सपने के सच होने का प्रमाण है।

यह दृश्य भारतीय लोकतंत्र और उसकी सेना की समावेशी भावना को दर्शाता है, जहाँ योग्यता और समर्पण ही सफलता की सीढ़ी है।


वायु सेना दिवस: शौर्य और संकल्प का पर्व


हम सभी जानते हैं कि भारतीय वायु सेना दिवस (Indian Air Force Day) हर साल 8 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह वह ऐतिहासिक दिन है जब 8 अक्टूबर, 1932 को हमारी वायुसेना की स्थापना हुई थी। यह दिन उन वीर जवानों के साहस, शौर्य और बलिदान को याद करने का अवसर होता है, जो देश की आकाशीय सीमाओं की सुरक्षा के लिए हर पल तत्पर रहते हैं।

वायु सेना का आदर्श वाक्य 'नभः स्पृशं दीप्तम्' है, जिसका अर्थ है 'गर्व के साथ आकाश को छूना' (Touch the Sky with Glory)। यह वाक्य हमारे वायु योद्धाओं के ऊँचे मनोबल और अदम्य साहस को दर्शाता है।


नेतृत्व: एयर चीफ मार्शल और IAF की शक्ति


मेरा पुत्र जिस गौरवशाली समूह का हिस्सा है, उसका नेतृत्व इस समय एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह (Air Chief Marshal Amar Preet Singh) कर रहे हैं। वायु सेना प्रमुख (Chief of Air Staff) के रूप में, वे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी और सबसे शक्तिशाली वायु सेनाओं में से एक की कमान संभाल रहे हैं।

भारतीय वायु सेना (IAF) ने 1948, 1965, 1971 और कारगिल जैसे महत्वपूर्ण युद्धों में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है। आज, IAF राफेल, सुखोई-30 MKI और स्वदेशी तेजस जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों से लैस है, जो इसे किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए सक्षम और सशक्त बनाता है। वर्तमान में वायु सेना 'आत्मनिर्भर भारत' के संकल्प को साकार करने पर ज़ोर दे रही है।

आशुतोष, तुम्हें इस महान संगठन का हिस्सा बनने पर बहुत-बहुत बधाई। मुझे विश्वास है कि तुम राष्ट्र सेवा के अपने कर्तव्य को इसी निष्ठा और समर्पण से निभाते रहोगे।

हर भारतीय को अपनी वायु सेना और उसके जांबाजों पर गर्व है।

जय हिंद!

आपका  पिता,

प्रोफेसर प्रसिद्ध कुमार

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