दानापुर विधानसभा: सुजीत कुमार सिन्हा का संघर्ष और पार्टी की बदलती निष्ठा !


   

​यह वृतांत आजीवन सेवा और त्याग करने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रति पार्टी के व्यवहार पर गंभीर सवाल उठाता है। यह आरोप लगाया गया है कि पार्टी ने विचारधारा के लिए परम त्याग करने वाले कार्यकर्ता का अपमान किया है और कुछ व्यक्तियों को उनकी कथित बेईमानी और अपराधिक संपर्कों के बावजूद इनाम दिया है।

​राम कृपाल यादव पर गंभीर आरोप और दानापुर का 'जंगलराज'

​भय और टिकट वापसी (2002): दावा किया गया है कि राम कृपाल यादव के कथित 'जंगलराज' के डर से, तत्कालीन महामहिम राज्यपाल श्री गंगा प्रसाद जी ने दानापुर विधानसभा से प्राप्त टिकट को रातों-रात लौटा दिया था। इसके बाद, देर रात स्वर्गीय सत्यनारायण सिन्हा जी को टिकट दिया गया था।

​चुनाव में हिंसा: आरोप है कि जब तक यह व्यक्ति राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ था, दानापुर में हर चुनाव में बमबाजी होती थी।

​2014 के बाद की स्थिति: राम कृपाल यादव के 2014 में पार्टी में आने के बाद बमबाजी रुकने का दावा किया गया है। हालांकि, साथ ही यह भी आरोप है कि उनके आते हीं, उनके पति के हत्यारे को एक व्यापारी को ठग कर रीतलाल को विधान परिषद का सदस्य बनाया गया।

​2019 में पार्टी विरोधी कार्य: आरोप है कि 2019 में चुनाव जीतने के बाद राम कृपाल यादव ने भाजपा के विरुद्ध काम किया, जिससे शिकायतकर्ता और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की हार हुई। यह भी आरोप लगाया गया है कि उसी बेईमानी का इनाम आज रामकृपाल को मिला है।

​आशा सिन्हा जी का संघर्ष और दानापुर में भाजपा का उदय

​शुरुआती संघर्ष (2004): जब आशा सिन्हा जी को जिला अध्यक्ष बनाया गया था, तब दानापुर में केवल 13 कार्यकर्ता थे। उन्होंने स्वयं रात-रात भर जागकर बैनर-पोस्टर लगाए और व्यक्तिगत रूप से पार्टी को मजबूत किया।

​लालू यादव जी के गढ़ में जीत: आशा सिन्हा जी के प्रयासों से, भाजपा ने माननीय लालू यादव जी के गढ़ रहे दानापुर में 4 बार विजय प्राप्त कर BJP Bihar का झंडा फहराया। यह उनके परम त्याग और मेहनत का प्रतीक है।

​पार्टी की वर्तमान कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न

​यह संदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित करते हुए भाजपा की वर्तमान कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न उठाता है:

​'A Party With Difference' के विपरीत कार्य: आरोप है कि भाजपा, जो स्वयं को एक 'अलग पार्टी' कहती है, कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ने का काम कर रही है।

​नैतिकता का ह्रास: आरोप लगाया गया है कि पार्टी पैसे से टिकट बेच रही है, चमचों को आगे बढ़ा रही है, हत्यारों को पार्टी अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री बना रही है, और पार्टी और संघ के लिए सर्वस्व जीवन न्यौछावर करने वालों का अपमान कर रही है।

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