अर्थव्यवस्था से पहले 'मानव' में निवेश": विकसित राष्ट्रों की असली सफलता का सूत्र!-प्रो प्रसिद्ध कुमार।

  


 राजनेताओं का 'अर्थव्यवस्था' पर अत्यधिक ज़ोर बनाम 'मानव पूंजी' में निवेश की अनदेखी !

विकसित देशों में सरकारी स्कूल ऐसी उच्च गुणवत्ता के हैं कि वे भारत के निजी स्कूलों  से भी बेहतर हैं।

 इसी तरह, विकसित देशों के सरकारी अस्पताल हमारी निजी अस्पतालों से बेहतर सुविधाएँ और सेवाएँ प्रदान करते हैं।

 भारत ने, पता नहीं क्यों, इन बुनियादी सामाजिक क्षेत्रों—सार्वजनिक शिक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य—पर वह अपेक्षित ध्यान नहीं दिया है, जितना देना चाहिए था।

 भारत की विकास रणनीति में मानव पूंजी को विकसित करने में प्राथमिकता की गंभीर कमी रही है। यह निवेश न केवल सामाजिक न्याय के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दीर्घकालिक आर्थिक विकास  का भी आधार है, क्योंकि स्वस्थ और शिक्षित नागरिक ही सशक्त अर्थव्यवस्था का निर्माण करते हैं। विकसित राष्ट्रों ने पहले अपने नागरिकों को सशक्त बनाया, और यह उनकी आर्थिक सफलता का मूल कारण बना।

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