बिहार एग्जिट पोल 2025: महागठबंधन 135 सीटों के साथ बहुमत की ओर!प्रो प्रसिद्ध कुमार।

   


​क्या उच्च मतदान और एंटी-इनकम्बेंसी ने एनडीए के शहरी कोर वोट बैंक को हिला दिया है?

​बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान संपन्न हो चुका है, और अब सभी की निगाहें 14 नवंबर को आने वाले अंतिम नतीजों पर टिकी हैं।  मैंने अपने एग्जिट पोल विश्लेषण में महागठबंधन (MGB) को स्पष्ट बहुमत (130-135 सीटें) देते हुए दावा किया है कि इस बार सत्ता परिवर्तन निश्चित है।

​ सीटों का अनुमान: बहुमत की ओर महागठबंधन

मेरा एग्जिट पोल के अनुसार, 243 सदस्यीय विधानसभा में सीटों का अनुमान कुछ इस प्रकार है:

​महागठबंधन (MGB): 130-135 सीटें (पूर्ण बहुमत: 122)

​एनडीए (NDA): 105-110 सीटें

​अन्य (Others): 8-10 सीटें

​ शहरी क्षेत्रों में एनडीए की जमीन खिसकी

​विश्लेषण के अनुसार, एनडीए (भाजपा) का कोर वोट बैंक माने जाने वाले शहरी क्षेत्रों में जबरदस्त खिसकाव आया है। राजधानी पटना जिले की 14 विधानसभा सीटों में से कम से कम 10 सीटें महागठबंधन के खाते में जाती दिख रही हैं। यही रुझान गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, और भागलपुर जैसे प्रमुख शहरी केंद्रों में भी देखने को मिल रहा है।

​ उच्च मतदान प्रतिशत: एंटी-इनकम्बेंसी का संकेत

​इस बार मतदान प्रतिशत में हुई वृद्धि को विश्लेषक एंटी-इनकम्बेंसी (सत्ता विरोधी लहर) का स्पष्ट संकेत मान रहे हैं।

​युवा फैक्टर: युवाओं के वोट प्रतिशत में वृद्धि हुई है, जो बेरोजगारी के दंश, पेपर लीक की कुशासन की मार, और पलायन जैसी समस्याओं से हताहत हैं। सरकार द्वारा 20 वर्षों में एक भी फैक्ट्री न लगा पाने को इसकी बड़ी वजह माना गया है।

​महिला फैक्टर: एनडीए जहाँ महिलाओं के वोट को अपने ₹10,000 के 'वोट गिफ्ट' से जोड़ रहा है, वहीं महागठबंधन की 'माँ-बहिन योजना' में ₹2,500 प्रति माह देने के वादे ने महिलाओं के मत को अपनी ओर मोड़ा है।

​कुशासन: राज्य में महंगाई, कार्यालयों में भ्रष्टाचार, चरमराई विधि-व्यवस्था और चौपट शिक्षा के कारण बिहार प्रति व्यक्ति आय में देश के सबसे अंतिम पायदान पर है। मेरा कहना है कि ऐसी निकम्मी सरकार के खिलाफ एंटी-इनकम्बेंसी का होना स्वाभाविक है।

​मैंने  2020 के एग्जिट पोल की तुलना करते हुए भी कहा कि जब-जब वोट फीसदी औसत से अधिक बढ़ी है, तब-तब सरकार बदली है।

​ अंतिम फैसला

​हालांकि एग्जिट पोल केवल अटकलें हैं, लेकिन मेरा  यह विश्लेषण इस बार बिहार में सत्ता परिवर्तन की मजबूत आहट दे रहा है। अंतिम परिणाम 14 नवंबर की देर रात तक ही स्पष्ट हो पाएगा।

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