राम लखन सिंह यादव कॉलेज ,अनीसाबाद में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर विशेष सेमिनार आयोजित: AI के युग में मानवीय शिक्षा की महत्ता पर बल!


      

 देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद को किया गया याद !

​देश के प्रथम शिक्षा मंत्री और भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन को आज राम  लखन सिंह यादव कॉलेज ,अनीसाबाद  में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में बड़े उत्साह के साथ मनाया गया।

​इस अवसर पर एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसका थीम था: "एआई और शिक्षा: स्वचालन की दुनिया में मानवीय एजेंसी (नियंत्रण/क्षमता) को संरक्षित करना"।

​मुख्य वक्ताओं के विचार:

​सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए प्रो. डॉ. महेंद्र सिंह ने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि "शिक्षा किसी भी राष्ट्र की रीढ़ है। हमारा लक्ष्य है कि शिक्षा का यह द्वीप हर घर में रोशन हो।"

​प्रो. प्रसिद्ध कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि "शिक्षा के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का सदुपयोग निश्चित रूप से होना चाहिए, लेकिन हमें अपने मौलिक ज्ञान और मानवीय सिद्धांतों को कभी नहीं भूलना चाहिए।" उन्होंने मौलाना आजाद के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना करते हुए बताया कि उनके विजन के कारण ही देश में आईआईटी (IIT) और यूजीसी (UGC) जैसी महत्वपूर्ण संस्थाओं की स्थापना हुई थी।

​प्रो. रमेश कुमार ने AI की सहायता से तकनीकी विकास पर बात करते हुए कहा कि "AI की मदद से देश में तकनीकी विकास को बढ़ावा देने के लिए नए संस्थान खोले गए हैं।"

प्रो संगीता ने कहा कि साहित्य से ही संस्कार बनता है। ए आई के तकनीक में भी मुंशी प्रेमचंद, दिनकर,भारतेंदु हरिश्चंद्र जैसे कवियों को पढना चाहिए।

​सेमिनार में उपस्थित छात्र खैरु और रोहित कुमार ने भी अपने विचार रखे और AI की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला।

​मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन को देश वर्ष 2008 से ही प्रतिवर्ष राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाता आ रहा है। यह दिन शिक्षा के प्रति उनके अद्वितीय योगदान और देश के शैक्षणिक परिदृश्य को आकार देने में उनकी भूमिका को याद करने का अवसर प्रदान करता है।

इस अवसर पर प्रो निधि कुमारी सहित अनेक प्रोफेसर व स्टूडेंट्स उपस्थित रहे।

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