पटना पुस्तक मेला 2025: ज्ञान, स्वास्थ्य और संस्कृति का अद्भुत संगम-प्रो प्रसिद्ध कुमार का रिपोर्ताज ।

  





​दिनांक: दिसंबर 2025 (चालू)

स्थान:  गांधी मैदान ,पटना, बिहार

​पटना का ऐतिहासिक पुस्तक मेला इस वर्ष साहित्य, स्वास्थ्य और संस्कृति के एक अनूठे संगम के रूप में अपनी अमिट छाप छोड़ रहा है। मेला प्रांगण में प्रवेश करते ही सबसे पहली नज़र वरिष्ठ कथाकार अवधेश प्रीत को समर्पित भव्य तोरण द्वार पर पड़ती है। मुख्य द्वार पर प्रीत की बड़ी तस्वीरें हर आगंतुक को बरबस अपनी ओर खींच लेती हैं, जो खगौल के चर्चित नाट्य संस्थान 'सूत्रधार' से उनके पुराने जुड़ाव की याद दिलाती हैं।

​ समर्पण और थीम: 'वेलनेस - ए वे ऑफ लाइफ'

​इस वर्ष का पटना पुस्तक मेला विशेष रूप से वरिष्ठ लेखक अवधेश प्रीत को समर्पित है। पूरे मेले का थीम "वेलनेस - ए वे ऑफ लाइफ" रखा गया है, जिसने पुस्तकों के साथ-साथ स्वास्थ्य और जीवनशैली पर भी ध्यान केंद्रित किया है। थीम के अनुरूप, मेले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य संवाद जैसे महत्वपूर्ण आयोजन शामिल किए गए हैं, जहाँ डॉक्टर विभिन्न बीमारियों—हृदय रोग, त्वचा संबंधी समस्याएँ, पोषण—पर ज्ञानवर्धक चर्चा कर रहे हैं और लाइव ज़ुम्बा प्रशिक्षण भी आयोजित किया जा रहा है।

​ मुख्य आकर्षण: ₹15 करोड़ की किताब 'मैं' और VR अनुभव

​मेले के सबसे बड़े आकर्षणों में से एक है लेखक रत्नेश्वर की कृति 'मैं', जिसे दुनिया की सबसे महंगी किताब बताया जा रहा है। 15 करोड़ रुपये की कीमत वाली जीवन दर्शन पर आधारित यह किताब केवल प्रदर्शनी के लिए उपलब्ध है और इसे छूने तक की अनुमति नहीं है, जिसने इसे चर्चा का केंद्र बना दिया है।

​इसके अलावा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के स्टॉल पर वर्चुअल रियलिटी (VR) के माध्यम से मंगल ग्रह की सैर का अनुभव कराया जा रहा है, जो छात्रों और युवाओं के लिए विज्ञान को रोमांचक बना रहा है। आपदा प्रबंधन विभाग भी पीछे नहीं है, जो आपदा के दौरान सुरक्षा पर आधारित लघु फिल्में दिखा रहा है और जोकर की वेशभूषा में कर्मचारी मनोरंजन के साथ जागरूकता फैला रहे हैं।

​ सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियाँ

​यह मेला केवल किताबों का बाजार नहीं, बल्कि कला और साहित्य का जीवंत मंच है। रोज़ाना मुशायरा, कवि सम्मेलन, कहानी लेखन कार्यशाला, 'संपादक से संवाद' और 'किताब के शब्द उच्चरित हुए' जैसे साहित्यिक कार्यक्रम हो रहे हैं।

​आज, समूह इमैजिनेशन, पटना द्वारा प्रस्तुत नाटक 'भारत का इतिहास' ने दर्शकों का मन मोह लिया। निर्देशक अभिजीत बंकावरी की अगुवाई में इस प्रस्तुति ने दर्शकों के दिलों को छुआ। इस अवसर पर डॉ. संतोष कुमार (प्रथम दर्शक), श्री नरेन्द्र प्रसाद (सम्मान), और अधिवक्ता नवाब आलम (वक्ता) जैसे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जबकि आयोजन की बागडोर कुमार रविकांत (संयोजक) ने संभाली।

​मेले में 'सिनेमा-उनेमा' और 'आओ-आओ नाटक देखे' जैसे सत्रों में नुक्कड़ नाटक और फिल्मों (जैसे आपदा प्रबंधन पर) का प्रदर्शन भी हो रहा है।

​ ज्ञान का भंडार और पुस्तक प्रेमियों की भीड़

​मेले में प्रभात प्रकाशन, राजकमल, वाणी सहित 200 से अधिक प्रकाशकों के स्टॉल लगे हुए हैं, जहाँ देश-विदेश के ज्ञान की पुस्तकें उपलब्ध हैं। पुस्तक प्रेमियों की भीड़ देखते ही बनती है; छात्र से लेकर वृद्ध तक, हर आयु वर्ग के लोग पुस्तकों का अवलोकन कर रहे हैं और उन्हें खरीद रहे हैं।

​पाठकों को खींचने वाली लोकप्रिय किताबों में 'कैकेयी के राम', 'गुनाहों का देवता', और हालिया राजनीतिक हलचल पर आधारित 'बिहार चुनाव 2025: गरदा उड़ गइल' शामिल हैं। पुस्तक प्रेमियों को आकर्षित करने के लिए स्टॉलों पर 20% तक की छूट भी दी जा रही है।

 पटना पुस्तक मेला 2025 एक सफल आयोजन है जो साहित्य, स्वास्थ्य, विज्ञान और संस्कृति को एक मंच पर लाया है। यह मेला ज्ञान और जीवनशैली दोनों के प्रति पाठकों की भूख को शांत करने का एक अनूठा माध्यम बन चुका है।

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