प्रख्यात लोक कलाकार रामदास 'राही' का निधन !😢 सूत्रधार ने गहरी संवेदना व्यक्त की है।
रामदास राही भोजपुरी लोक कला और गायन के एक मजबूत स्तंभ थे..
नवाब आलम
राही जी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षक थे.... प्रो प्रसिद्ध यादव
भिखारी ठाकुर की रंग परंपरा को जीवंत रखने और उसे आगे बढ़ाने में अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाले प्रख्यात लोक कलाकार श्री रामदास 'राही' के निधन से कला जगत में गहरा शोक व्याप्त है। सूत्रधार ने उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त किया है। बिहार ठाकुर सम्मान से सम्मानित सूत्रधार के महासचिव नवाब आलम ने अपने शोक संदेश में कहा है कि रामदास 'राही' भोजपुरी लोक कला और गायन के एक मजबूत स्तंभ थे, जिन्होंने भिखारी ठाकुर की नाट्य और गायन शैली को न केवल संरक्षित किया, बल्कि अपनी जीवंत प्रस्तुतियों से उसे नई पीढ़ियों तक पहुँचाया। रामदास 'राही' जी ने जीवन पर्यंत लोक कला के माध्यम से सामाजिक चेतना फैलाने का कार्य किया। उनकी रंग परम्परा के प्रति लगन अद्वितीय थी। वे अपनी प्रस्तुतियों में भिखारी ठाकुर की रचनाओं के मूलभाव और अंदाज़ को यथावत बनाए रखने के लिए जाने जाते थे। संस्था के कार्यक्रमों में राही जी का योगदान अविस्मरणीय रहा है।
नवाब आलम, महासचिव, सूत्रधार नाट्य संस्था, खगौल: "राही जी का जाना लोक कला की दुनिया के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कई बार 'सूत्रधार' के मंच पर भिखारी ठाकुर की लोक गायन शैली को सुनाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। उनकी स्मृति में हम उनकी कला को आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हैं। उनके निधन से मैं व्यक्तिगत रूप से मर्माहत हूं। सूत्रधार के कार्यक्रम संयोजक
प्रो. प्रसिद्ध कुमार ने कहा वह सिर्फ कलाकार नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षक थे। उनका मार्गदर्शन हमेशा हमें प्रेरित करता रहेगा। वह कला संस्कृति और भोजपुरी साहित्य के लिए सदा समर्पित थे, गरीबी की जिंदगी जीने के बावजूद भिखारी ठाकुर के रचना संसार को संरक्षित करने के लिए जीवंत पर्यंत लगे रहे उनकी एक पुस्तक भिखारी रचनावली काफी चर्चित रही है। उनके निधन से भोजुरी के भीष्म पितामह को खो दिया। रामदास राही जी के अत्यंत करीबी और भिखारी ठाकुर के संग काम करने वाले जलेश्वर ठाकुर ने राही जी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है , बातचीत में वह काफी मर्माहत लग रहे थे।
अस्तानन्द जी ने भी उनके निधन पर गहरा दुःख प्रकट किया है। शोक सभा को संबोधित करते हुए पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता चंदू प्रिंस ने भिखारी ठाकुर के करीबी रिश्तेदार राही जी के अविस्मरणीय योगदान की चर्चा की। वरिष्ठ रंगकर्मी एवं कवि विनोद शंकर मिश्र ने राही जी को बहुआयामी प्रतीभा का धनी बताया और कहा कि सूत्रधार संस्था से उनका गहरा लगाव था। अरुण सिंह पिंटू ने राही जी के निधन को कभी नहीं भूलने वाला शख्सियत बताया। को मो सादिक ने भोजपुरी साहित्य का महान लेखक बताया। नगर परिषद, खगौल के अध्यक्ष एवं कला प्रेमी सुजीत कुमार ने राही जी के निधन को भोजपुरी साहित्य के लिए अपूरणीय क्षति बताया।
शोक व्यक्त करने वालों में पत्रकार एवं रंगकर्मी शोएब कुरैशी, मुकेश कुमार, सज्जाद आलम, जीशान आलम,शमशाद अनवर, सऊद, विजय कुमार सिन्हा, अंबिका सिन्हा, मिथिलेश पांडे, दीनानाथ प्रसाद यादव, विकास कुमार उर्फ पप्पू, जोगेंद्र यादव, रूपेश कुमार, जय प्रकाश मिश्र आदि के नाम शामिल हैं।



Comments
Post a Comment