दानापुर का विस्थापितों के दर्द!कही छलक न जाये evm पर! जलजमाव का डंक, लग गया कलंक! प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।
बाबूचक, पटना।
दानपुर के कटाव पीड़ित व विस्थापितों के दर्द कौन सुनेगा?
कभी कांग्रेस की गढ़ रही दानापुर राजद होते भाजपा की अभेद्य किला बन गयी है।1977 में जेपी आंदोलन में कांग्रेस सफाया हो गया था,लेकिन यहाँ रामलखन सिंह यादव कोंग्रेस की लाज बचाई थी।सीतराम केसरी कोंग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे,जो यही के थे।सीपीआई नेता रामवतार शास्त्री भी यही के थे।लालू यादव यहां से 1995 और 2000 में विधायक हुए थे।2010 में यहां से निर्दलीय रीतलाल यादव राजद,कोंग्रेस को पीछे छोड़ते 41506 वोट लाये थे,भाजपा के आशा सिन्हा 59425,राजद सचिदानंद 11495 कोंग्रेस के विजय यादव 3608 वोट लाये थे।भारतीय थल सेना की छावनी और भारतीय रेल का मंडल कार्यालय इसकी पहचान है,तो गंगा नदी के कटाव से पतलापुर, गंगहरा, हेतनपुर,कसिमचक, पानापुर,मानस पंचायत की हालत ठीक नही है।मोबारकपुर कृषि फॉर्म,उसरी,चांदमारी नहर पर विस्थापित अपना बसेरा बनाये हुए हैं।यहां नये मोहल्ले अपार्टमेंट बहुत बने हैं लेकिन विकास के नाम पर भर कमर पानी,डेंगू,कालाजार के डर से लोग लाखों के फ्लैट खाली कर के भागे हुए हैं।यहां के मूलनिवासी वही तंगहाली, फटेहाली में है,बाहर से आये लोगों की चांदी है।दानापुर में अपराध का डंक कब किसे मार दे,कोई नही बता सकता है।इस चुनाव में विकास से महरूम मुख्य मुद्दा होगी,जिसके जवाब देना कठीन होगा और कठिन परिस्थिति पैदा कर देगी अच्छे दिनों की।
प्रसिद्ध यादव।
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