खगोल की अतिक्रमण ऊपर वाले ही हटाएंगे! प्रसिद्ध यादव।
खगोल में कितना अतिक्रमण है? यह हर खगोल वासी जानते हैं। इससे परेशानी आम जनता को है, प्रशासन को भी है, लेकिन लक्ष्मी दरिद्रम हरति के तर्ज पर वरदान है और इसलिए इनके पाँव अंगद की तरह जमे हुए हैं। खगोल नगर परिषद और थाना इसके परिक्रमा करते रहते हैं। यह देखने के लिए नही की कैसे लोग एक दूसरे में रगड़ा मार के आ - जा रहे हैं, बल्कि प्रतिदिन की अतिक्रमण रूपी झरने से कितनी प्यास बुझती है? पुलिस की लाठी चलती है ऑटो, ठेला वाले पर शायद इनके वजह से जाम रहती है, किसी सड़क के दुकान पर यह लाठी गुलदस्ता बन जाती है। थाना के ठीक सामने गिट्टी बालू का गोडाउन बना हुआ है। यह जनहित की मामला समझते हैं और मुरीद भी हैं।
यहाँ सड़क पर दुकान है की दुकान में सड़क है, यह रहस्य खगोल के प्रशासक ठीक से बता सकते हैं । सरकार और प्रशासन की निकम्मेपन और उदासीनता से गांधी विद्यालय के गांधी आश्रम पर कब्जा है, स्कूल की जमीन बिक रही है, नदी को जमीन बताकर बेच दिया गया।जितनी परिसंपती खगोल के पास है अगर कोई आर्यभट्ट और चाणक्य जैसे विरासत को दुनिया के फलक पर लाने वाले होते तब आज खगोल से बिहार नही भारत जाना जाता, लेकिन निजी स्वार्थ को दुनिया समझने वाले से उम्मीद कैसी? यहाँ के प्रबुध् नागरिकों ने भरपूर संघर्ष किया, लेकिन न नुमाइंदे की साथ मिली न सरकार की, उल्टे ऐसा करने वाले को धमकी भी मिली।दुकान के सामने साइकिल, बाइक लगाने के लिए दुकानदार से आय दिन बकझक होते रहती है, लेकिन इसी में दिन कट रहे हैं। अब किसी की उपरी आय पर जलन करने से क्या फायदा? सब आगे बढे, सबकी परिवार तरक्की करे।
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