जनता दुर्गति कर दी निवर्तमानों को- प्रसिद्ध यादव
मैनपुर अंदा पंचायत में सबसे ज्यादा एक को छोड़कर सभी को दुर्गति कर दी है। दो बार से मुखिया रहे को 7 वां पायदान पर धकेल दिया। निवर्तमान सरपंच मुखिया में थे तीसरे पायदान पर रहे बाकी कोई 8 वें 6 ठे पायदान पर जा अटके। इनकी बुरी दशा पर मैं चुनाव में लिखना बन्द कर दिया, क्योंकि कभी ये लोग अच्छे मित्र थे।मुझे हार पर अफसोस भी हुआ केवल घमण्ड में सब चूर हुआ।
निवर्तमान जिला पार्षद इसी पंचायत के थे 5 वें पायदान पर अटक गए। यहां के अनेक पूर्व प्रतिनिधि और उनके परिजनों को भी जनता जमकर बदला लिया। कोई परिणाम को समीक्षा नही करता, लेकिन मेरी कोशिश है कि वास्तविकता को जानें। समाजवादी लोग पैसे देकर वोट नहीं लेते थे, लेकिन अब नवधनाढ्य हो गए और पैसा ले वोट दे करने लगे। हार से ज्यादा सदमा पैसा गलने से है। समय गया, पैसा गया और मिला ठनठन गोपाल! पैसा बांटने वाले पराजित हुआ , अच्छा नही हुआ, रहम होना चाहिए था। अब पैसा लेने वाले को गाली देकर अपनी आह मिटा रहे हैं। मेरे पंचायत में जो भोले भाले थे उनकी प्रैक्टिस अच्छी रही, औसतन 25 हजार का शुद्ध मुनाफा कमाया और मुर्गा .. बोनस में। एक सज्जन बोले हर साल पंचायत चुनाव होते तब पॉकेट में पैसे की कमी नहीं होती। पराजितों! बीते ते बिसारिये आगे की सुध लें। अब जनजीवन पटरी पर लौटाएं और अगले चुनाव के लिए पैसे जमा कर के रखें।कभी जनता की दिल पसीज ही जायेगी।पराजितों के साथ मेरी संवेदना है बोल्ड रहिये, कोल्ड रहिये, फोल्ड रहिये,होल्ड रहिये..
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