पदमश्री श्याम शर्मा कलाकारों के प्रेरणा स्रोत- प्रसिद्ध यादव।
25 नवम्बर को कालिदास रंगालय के शकुंतला प्रेक्षागृह में सूत्रधार खगोल के नाट्य उत्सव के समापन समारोह में श्री शर्मा जी की उपस्थिति से सुखद अनुभूति हुई। अंतराष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त शख्सियत को अपने बीच में पाना और एक मंच पर साथ साथ स्मारिका का विवेचन करना हम सभी को रोमांचित करने वाले क्षण थे। इनके ओजस्वी व्यक्तित्व को मैं बहुत करीब से निहार रहा था। इनकी वाणी में ओज थी। देश के जाने-माने छापा कलाकार और कला गुरु श्याम शर्मा किसी परिचय के मोहताज नहीं है। बिहार के वरिष्ठ कलाकारों में से एक, सबसे ज्यादा सक्रिय कलाकार के तौर पर उन्हें जाना जाता है। हाल ही में उन्हें पद्म पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। श्याम शर्मा बिहार के कला जगत के लिए अभिभावक की तरह रहे हैं और बिहार की आधुनिक कला यात्रा के दशकों से साक्षी हैं, उसे बेहद करीब से देखा है। इसलिए वो इस बात को शिद्दत से महसूस करते हैं कि जिस जगह, राज्य से निकलकर एक कलाकार राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय कला की क्षितिज पर छा जाता है या अनेक कलाकार अपनी सशक्त पहचान बनाने में कामयाब होते हैं, वही राज्य राष्ट्रीय कलाधारा के आधुनिक बदवालों को कैसे खारिज भी कर देता है। मैं इनके हर मूवमेंट को हृदय में बसाये हूँ।
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