23 जून भारतीय राजनीति का ऐतिहासिक दिन होगा। -प्रसिद्ध यादव।
बिहार परिवर्तन की भूमि रही है। देश की राजनीति की धुरी रही है और जब यहां से बिगुल बजती है तो दिल्ली की कुर्सी हिलती है। 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन हो या 1974 की आपातकाल। देश साक्षी है कि परिवर्तन को कोई रोक नहीं सका है।23 जून को महागठबंधन की बैठक में भाजपा विरोधी नेताओं की जुटान कश्मीर से कन्याकुमारी तक और पूरब से पश्चिम तक होने वाला है। कॉंग्रेस के राहुल गांधी, प बंगाल से ममता बनर्जी, तमिलनाडु से स्टॅलिन ,आंध्रप्रदेश से हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली से केजरीवाल, यूपी से अखिलेश दिग्गज बैठेंगे। नीतीश कुमार और तेजस्वी की इस एकता में अहम भूमिका है। लालू यादव अपने अनुभव को साझा करेंगे । एक के खिलाफ एक चुनाव लड़ने की तैयारी है ।अगर सचमुच ऐसा हो गया तो भाजपा की गुरुर टूट जाएगी। भाजपा 9 साल में केवल नफरत ,दहशत, पाखंड,झूठ की राजनीति की है। भाजपा संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग विरोधियों पर खूब किया है। चरम पर महंगाई, बेरोजगारी, किसानों के फसलों के दामों को उचित मूल्य नहीं देना ,पुरानी पेंशन योजना , पूंजीपतियों द्वारा देश की संपत्ति लेकर फरारी ,महिला पहलवानों के साथ भाजपा सांसद की ज्यादती और सरकार द्वारा आरोपी का बचाव मुद्दे पर चर्चा होंगे। 9 साल बेमिसाल का जवाब विपक्ष हर तरीके से देने के लिए तैयार है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो भाजपा की विदाई तय है।
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