नाटक के जरिए बताया कि पढ़े-लिखे लोग भी अंधविश्वास के शिकार होते हैं
फुलवारी शरीफ। सर्वमंगला सांस्कृतिक मंच के साप्ताहिक नुक्कड़ नाटक की श्रृंखला में महेश चौधरी के द्वारा लिखित एवं अमन राज के द्वारा निर्देशित नाटक- "अंधविश्वास से दूर रहें" की प्रस्तुति फुलवारीशरीफ, वाल्मी में की गई।
नाटक की शुरुआत सौरभ राज के स्वरबध्द गीत- तोड़ दो ढोंग से नाता नहीं तो पछताओगे... से हुई।
नाटक के माध्यम से यह बताया गया कि पढ़े-लिखे लोग भी किस तरह से अंधविश्वास के मकड़जाल में जकड़े हुए हैं। एक पढ़ा-लिखा युवक अपनी गाड़ी से चल पड़ता है तभी बिल्ली रास्ता काट देती है। वह अपनी गाड़ी वहीं पर रोक लेता है। उसके पीछे की सभी गाड़ियां रुक जाती है। लोगों के हंगामा करने पर युवक अपनी गाड़ी को आगे बढ़ा लेता है। घर पहुंचने पर मकान बना रहे मजदूर के घर से एक व्यक्ति यह खबर लेकर आता है कि उसके बेटे की तबीयत बहुत खराब है। जब वह घर जाता है तब उसकी पत्नी कहती है कि उसपे काला जादू किया गया है। उस बच्चे को लेकर तांत्रिक के यहां जाता है लेकिन झाड़-फूंक का कोई असर नहीं होता है। तब एक नवजवान व्यक्ति उन सबको डांटते हुए कहता है कि इसे धुंआ दिखाने से इसकी जान भी जा सकती है। इसे जल्दी से डॉक्टर के पास ले जाईए और इस ढोंगी बाबा को पुलिस के हवाले कीजिए। तब उस मरीज को लेकर परिजन डॉक्टर के पास जाते हैं। डॉक्टर देखते ही कहता है कि इसको मिर्गी की बीमारी है इसे समय समय पर दवा दीजिए। इसकी लम्बे समय तक दवा चलेगी। फिर सुचारू रूप से उसका इलाज चलता है। तब वह पूरी तरह से ठीक हो जाता है।
नाटक के कलाकार महेश चौधरी, सौरभ राज, अमन, नमन, करण, रंजन, शशांक, कृष्णा प्रसाद सिंह, विनोद चौरसिया एवं मिथिलेश कुमार पांडे थे।
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