अडिग लालू यादव के ख़िलाफ़ सारे यंत्र - तंत्र !- प्रसिद्ध यादव।

   


 विश्वासघाती पर भी भरोसा करने वाले का नाम है यादव!

सच्चे दिल के, शीघ्र ही किसी पर विश्वास करने वाले हैं।

लालू यादव जी सब के हुए लेकिन इनका  कोई अपना नहीं हुआ ।जिसे अंगुली पकड़कर राजनीति के एबीसीडी पढ़ाया, वो भी खुद को चाणक्य बन बैठा है। सबको आवाज बुलंद किया,मान सम्मान ,पद प्रतिष्ठा दिलवाए ।आज सभी इनके उपहास उड़ाते हैं । कोई ऐसा विश्वासी नहीं हुआ जिस पर भरोसा करें। कितने के राज्यसभा, लोकसभा, विधानसभा, विधानपरिषद में भेजे,मंत्री पद पर आसीन किये,लेकिन एक एक कर साथ छोड़ता चला गया।यही हाल यादव जाति का भी है।किसी भी कमजोर को कोई सताने का काम किया ,यादव डटकर सामने खड़ा हो गया, लड़ाई ,केस मुकदमे, सलाखों तक गये ,हत्या हुई । आज सभी के आंखों के किरकिरी बने हुए हैं। पिछड़ा,अति पिछड़ा कुछ अन्य बहुजन भी इसे शत्रु की तरह देखते हैं। यही स्थिति देखकर अब यादव भी मूकदर्शक के रूप में बने हुए हैं।बहुत हुआ शोषण ,जुर्म से लड़ना ।अब अपनी लड़ाई लोग खुद लड़े।जिसके पीछे लोग चल रहे हैं, ये कितना भला करेंगे ?यह जल्द ही सामने आने वाले हैं।लालू यादव को बिहार की राजनीति से हटाने के लिये सारे हथकण्डे अपनाए गए, लेकिन कोई सफल नहीं हुआ और न होगा। आज भी यादव, अल्पसंख्यक, दलित,महादलित, पिछड़ा,अति पिछड़ा  इन्हें सर्वमान्य मानते हैं।न कभी झुकने वाले को कोई झुकाने का लाख प्रयास करें, लेकिन यह प्रयोग असफल होगा। लालू यादव ने बहुजनों को कितनी ताक़त दी है, यह कोई अकेले में जाकर सोचे।अगर बिहार की राजनीति में लालू यादव नहीं होते तो आज न कहीं नीतीश नज़र आते और न शायद मोहन यादव भी सीएम होते। सर्वविदित है कि यादव संख्या बल और बाहुबल में कितना मजबूत है।इसे कभी न कोई डरा सकता है न मुँह पर कुछ बोल सकता है।ये बात भले ही जातिवादी लगे लेकिन यही सच्चाई है।

अभी ईडी सीबीआई सब पीछे पड़ा हुआ है लेकिन दूसरे दलों के नेता द्वारा चुनाव में करोड़ों, अरबों रुपये पानी की तरह बहाया जा रहा है, सरकारी तंत्रों से प्रचार प्रसार किया जा रहा है।ये किसी को नहीं दिखता है। कितने के हाथ खून से रंगे हुए हैं ।आज सत्ता की सनक में भले बच जाए,कल उसका भी हिसाब होगा। दुष्कर्मियों, हत्यारों को माला पहनाने वाले के चेहरे काला हुआ है।अभी और होगा। कोई सम्राट चौधरी से जाकर पूछे कैसे उनके अरमानों पर पानी फेरा गया। तेजस्वी संघर्ष से अपनी मंजिल तय करेंगे । समय का चक्र है चलेगा ।समय बलवान है।शिखंडी भी बलवान हो गया था लेकिन श्री कृष्ण से बड़ा कोई न हुआ न होगा।

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