डॉ अंशुल अभिजीत पटना साहिब से कॉंग्रेस प्रत्याशी! कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से की है पीएचडी !

 

     
   



    अंशुल अभिजीत कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता है और उन्हें बचपन से ही राजनीति विरासत में मिली है. वह कभी अपनी माता मीरा कुमार के साए से अलग नहीं हो सके हैं. जब भी वे बिहार दौरे पर आए हैं तो अपने मां मीरा कुमार के साथ ही आते रहे हैं. लेकिन, अब वह पहली बार प्रत्याशी बनाए गए हैं.  इनका जब भी बयान आता है तो एक साधे हुए वक्ता की तरह बोलते हैं. साथ ही उनके बयानों में सुचितापूर्ण राजनीति की झलक दिखती है.
देश के पहले लोकसभा चुनाव जब 1952 में हुए थे, उसके बाद से ही उनके नाना जगजीवन राम सासाराम के लगातार सांसद रहे. जगजीवन राम अंशुल अभिजीत के नाना थे 6 जुलाई 1986 को जब जगजीवन राम का निधन हो गया तो उसके बाद जब 3 साल के उपरांत सन 1989 में लोकसभा चुनाव हुआ तो मीरा कुमार यहां से चुनाव लड़ने के लिए आई. लेकिन, छेदी पासवान से उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा. बाद में लंबे अंतराल के बाद वर्ष 2005 के लोकसभा चुनाव में मीरा कुमार ने जीत दर्ज की और 10 सालों तक सासाराम का नेतृत्व किया. इस दौरान भी अंशुल अभिजीत अपनी माता मीरा कुमार के साथ आते जाते दिख जाते थे. बताया जाता है कि अपनी मां के साथ रहकर उन्होंने राजनीतिक बारीकियां सीखी है और यही कारण है कि कांग्रेस ने उन्हें राष्ट्रीय प्रवक्ता का पद भी दिया है.
अंशुल अभिजीत काफी पढ़े लिखे हैं. राजनीति शास्त्र के साथ इतिहास और भारतीय राजनीति पर उनकी जानकारी काफी अच्छी है. इन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से पीएचडी और एम फिल की पढ़ाई पूरी की है. साथ ही इनके पास कई अलग विश्वविद्यालय की डिग्रियां भी है. बता दें, अंशुल अभिजीत के पिता मंजुल कुमार सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रह चुके हैं तथा उनकी मां मीरा कुमार भी भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी रह चुकी हैं. ऐसे में बचपन से ही उनके घर में पढ़ाई लिखाई का माहौल रहा है. चुकी उनकी माता मीरा कुमार अनुसूचित जाति से थी है, जबकि उनके पिता कुशवाहा जाति से हैं. इनकी दादी सुमित्रा कुशवाहा मंत्री भी बनी हैं। ऐसे में कुशवाहा जाति के वोटर में भी यह अपना पकड़ मानते हैं.

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