नीतीश सरकार की दागी चेहरा सृजन घोटाला पार्ट 3

   बिहार के भागलपुर जिले का बहुचर्चित सृजन घोटाला  सुर्खियों में है. इस घोटोले की मुख्य आरोपित रजनी प्रिया को सीबीआई ने गिरफ्तार किया  है. भागलपुर के थानों में सृजन मामले की प्राथमिकी दर्ज होने की शुरुआत 07 अगस्त, 2017 को हुई थी. विभिन्न सरकारी विभागों के बैंक खाता से फंड की अवैध निकासी सृजन महिला विकास सहयोग समिति के विभिन्न बैंकों में स्थित खाते में मुख्य रूप से बैंक ऑफ बड़ौदा व इंडियन बैंक की भागलपुर शाखा में बड़ी संख्या में अवैध निकासी का मामला प्रकाश में आया. सबसे अधिक घोटाला जिला भू-अर्जन से हुआ है. इसमें सरकारी फंड 270 करोड़ रुपये सृजन के खाते में गलत तरीके से ट्रांसफर हो गये.

कैसे होता था घोटाला

सरकारी विभाग के बैंकर्स चेक या सामान्य चेक की पीठ पर सृजन महिला विकास सहयोग समिति की मुहर लगाते हुए मनोरमा देवी हस्ताक्षर कर देती थी. इस तरह उस चेक का भुगतान सृजन के उसी बैंक में खुले खाते में हो जाता था. जब भी कभी संबंधित विभाग को अपने खाता की विवरणी चाहिए होती थी, तो फर्जी प्रिंटर से प्रिंट करा विवरणी दे दी जाती थी. इस तरह विभागीय ऑडिट भी अवैध निकासी को पकड़ नहीं पाती थी.


सृजन संस्था क्या करती थी

सृजन महिला विकास सहयोग समिति महिलाओं का स्वयं सहायता समूह के रूप में निबंधित हुई थी. वर्ष 1996 में सहकारिता विभाग में को-ऑपरेटिव सोसाइटी के रूप में संस्था को मान्यता दी गयी थी. यह संस्था महिलाओं को स्वरोजगार देने का काम करती थी. इसके तहत महिलाओं द्वारा बने उत्पाद को बाजार में बेचा जाता था. वहीं को-ऑपरेटिव सोसाइटी के रूप में सदस्य महिलाओं के पैसे जमा भी लिये जाते थे, जिस पर उन्हें ब्याज मिलता था. विशेष परिस्थिति में महिलाओं को संस्था लोन भी प्रदान करती थी.



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