9 जुलाई को बिहार बंद का आह्वान इंडिया की को-ऑर्डिनेशन कमिटी के अध्यक्ष तेजस्वी यादव ने किया है।

यह आह्वान चुनाव आयोग (ECI) द्वारा मतदाता सूची में नाम जोड़ने के संबंध में लगाए जा रहे कथित "अव्यावहारिक शर्तों" और "कुत्सित रणनीति" के विरोध में किया गया है। मुख्य आरोप और चिंताएं निम्नलिखित हैं: नागरिकता और मतदाता पहचान का क्षेत्राधिकार: आरोप है कि चुनाव आयोग नागरिकता तय करने के गृह विभाग के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण कर रहा है। मतदाता जागरूकता बनाम "मतदाता निद्रा" अभियान: वक्ता का मानना है कि पहले चुनाव आयोग मतदाता जागरूकता अभियान चलाकर मतदान प्रतिशत बढ़ाने का काम करता था, लेकिन अब उसकी नीतियां मतदाताओं को मतदान प्रक्रिया से दूर करने वाली (जिसे "मतदाता निद्रा अभियान" कहा गया है) लग रही हैं। अव्यावहारिक दस्तावेज़ आवश्यकताएं: चुनाव आयोग द्वारा मतदाताओं को पंजीकृत करने के लिए 11 दस्तावेज़ों और फोटो की मांग को अव्यावहारिक बताया गया है, विशेषकर उन लोगों के लिए जिनके पास ये दस्तावेज़ उपलब्ध नहीं हैं। ईआरओ (निर्वाचक निबंधक अधिकारी) को अत्यधिक शक्ति: यह चिंता व्यक्त की गई है कि नए नियमों के तहत ईआरओ को स्थानीय स्तर पर जांच करने और मतदाता की पहचान त...