विज्ञापन जगत के महान हस्ती, पद्मश्री पीयूष पांडे का निधन भारतीय सिनेमा और उद्योग जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। !-😢प्रो प्रसिद्ध कुमार।
वह भारतीय विज्ञापन की दुनिया के गुरु माने जाते थे, जिन्होंने अपनी रचनात्मकता, हास्य और गहरी मानवीय समझ से विज्ञापनों को एक नई दिशा दी। 'ओगिल्वी इंडिया' के साथ चार दशकों से अधिक के अपने सफर में, उन्होंने भारतीय विज्ञापन को अंग्रेजी केंद्रित दायरे से निकालकर आम आदमी की भाषा, भाव और संस्कृति से जोड़ा। पीयूष पांडे ने कई ऐसे सदाबहार और यादगार अभियान बनाए जो भारतीय लोक चेतना का हिस्सा बन गए हैं: 'फेविकोल का जोड़ है, टूटेगा नहीं' 'कुछ खास है' (कैडबरी) 'हर खुशी में रंग लाए' (एशियन पेंट्स) 'मिले सुर मेरा तुम्हारा' (राष्ट्रीय एकता गीत) 'दो बूंद जिंदगी की' (पोलियो अभियान) इनके अलावा, राजनीतिक स्लोगन जैसे 'अबकी बार मोदी सरकार' को भी उन्होंने ही तैयार किया था। उन्हें 2016 में पद्म श्री और 2024 में LIA लीजेंड अवार्ड से सम्मानित किया गया। उनका निधन सिर्फ एक विज्ञापन दिग्गज का जाना नहीं है, बल्कि उस रचनात्मक आत्मा का जाना है जिसने ब्रांडों को मानवीय भावनाएं दीं और विचारों को अमर बना दिया। उनके विज्ञापनों में भारत की मिट्टी की महक थी, जो दर्शक...