बदलाव: प्रगति की एक सुंदर यात्रा !
बदलाव की रफ्तार, उसकी चाल, दिशा और मकसद को समझना भले ही कभी-कभी पेचीदा लगे, लेकिन यही जीवन की गतिशीलता है। कुछ सकारात्मक बदलाव पल भर में हमारे जीवन को रोशन कर देते हैं, जबकि कुछ बड़े बदलावों के लिए हमें धैर्य के साथ निरंतर प्रयास करना पड़ता है। यह सच है कि हर किसी की प्रगति की यात्रा अलग होती है। जहाँ एक कार चलाने वाला व्यक्ति कुछ वर्षों की मेहनत से हवाई जहाज के सफर तक पहुँच सकता है, वहीं पैदल चलने वाले मुसाफिर के लिए एक सुरक्षित वाहन मिलना भी बड़ी सफलता हो सकती है। महत्वपूर्ण यह नहीं है कि हम कितनी तेजी से बदल रहे हैं, बल्कि यह है कि हम सही दिशा में बढ़ रहे हैं। हर छोटा कदम, चाहे वह कितना भी धीमा क्यों न हो, हमें एक बेहतर कल की ओर ले जाता है। जब हम अपनी परिस्थितियों को स्वीकार करते हुए सकारात्मक कर्म करते हैं, तो धीरे-धीरे सुरक्षित और सुखद भविष्य के सारे रास्ते खुद-ब-खुद खुलने लगते हैं। "बदलाव का असली मकसद केवल गंतव्य तक पहुँचना नहीं, बल्कि उस सफर के दौरान खुद को बेहतर बनाना है।" मैंने इसमें क्या बदलाव किए हैं? हताशा को आशा में बदला: 'मुश्किल' पर जोर था, वह...