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रामचंद्र कह गये सिया से,हे रामचंद्र कह गये सिया से,ऐसा कलजुग आएगा

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       ,हंस चूगेगा दाना दुनका,हंस चूगेगा दाना दुनका,कव्वा मोती खाएगा ॥ सिया ने पुछा –कलजुग मे धरम करम को कोई नही मानेगा तो प्रभु बोले –धरम भी होगा, करम भी होगा धरम भी होगा, करम भी होगा लेकिन शरम नही होगी बात बात पे मात पिता को, बात बात पे मात पिता को,बेटा आँख दिखाएगा,हंस चूगेगा दाना दुनका, हंस चूगेगा दाना दुनका,कव्वा मोती खाएगा ॥ राजा और प्रजा दोनो मे  होगी निसदिन खेचातानी, खेचातानी कदम कदम पर करेगे दोनो, अपनी अपनी माना मानी जिसके हाथ मे होगी लाठी, जिसके हाथ मे होगी लाठीभैस वही ले जाएगा,हंस चूगेगा दाना दुनका, हंस चूगेगा दाना दुनका,कव्वा मोती खाएगा ॥ सुनो सिया कलजुग मे काला धन और,काले मन होगे, काले मन होगे,चोर उचक्के नगर सेठ और प्रभु भक्त,निर्धन होगे, निर्धन होगे,जो होगा लोभी और भोगी,जो होगा लोभी और भोगी वो जोगी कहलाएगा,हंस चूगेगा दाना दुनका, हंस चूगेगा दाना दुनका,कव्वा मोती खाएगा ॥ मंदिर सुना सुना होगा भरी रहेगी मधुशाला,हाँ मधुशाला पिता के संग संग भरी सभा मे नाचेगी,घर की बाला, घर की बाला कैसा कन्यादान पिता ही,कैसा कन्यादान पिता ही, कन्या का धन खाएगा,हंस चूगेगा द...

पोथी पढ़ी - पढ़ी जग मुआ ,पंडित भया न कोय !

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     कबीरदास और रैदास ने किसी विश्वविद्यालय में पढ़ाई नहीं की थी, लेकिन उनकी ज्ञान परंपरा में शामिल है.आज इनकी रचनाएं विश्विद्यालयों ,कॉलेजों ,विद्यालयों में पढ़ाई जाती है। वहां पढ़ने पढ़ाने के बाद भी आदमी को ज्ञान नहीं हुआ तो वो पढ़ाई सिर्फ़ आर्थिक उपार्जन का मात्र साधन बनकर रह गया है।  कबीरदास जी ने कोई औपचारिक शिक्षा नहीं ली थी.  उन्होंने अपने सामाजिक अनुभवों, लोक व्यवहार, और मानव मूल्यों के आधार पर ज्ञान अर्जित किया था.   इन्होंने अंधविश्वास, व्यक्ति पूजा, पाखंड, और ढोंग के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई थी.  वे भोजपुरी साहित्य के भक्तिकाल के निर्गुण शाखा के ज्ञानमार्गी उपशाखा के महान कवि थे.  उनकी कविताएँ बुनाई से जुड़े रूपकों से भरी हुई हैं.  रैदास जी ने अपनी काव्य-रचनाओं में सरल, व्यावहारिक ब्रजभाषा का प्रयोग किया है.  उनकी वाणी भक्ति की सच्ची भावना, समाज के व्यापक हित की कामना, और मानव प्रेम से ओत-प्रोत होती थी.  उनके भजनों और उपदेशों से लोगों को ऐसी शिक्षा मिलती थी जिससे उनकी शंकाओं का समाधान हो जाता था.  उन्हें पारंपरिक रूप से कब...

हमारी सरकार बनेगी तो किसी भी कीमत पर वक्फ संशोधन विधेयक लागू नहीं होने दिया जायेगा और इसे कूड़ादान में फेंक दिया जायेगा: तेजस्वी प्रसाद यादव

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बिहार में सरकार कैसे चल रही है मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री के व्यवहार और आचरण से समझा जा सकता है  बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के राज्य कार्यालय के कर्पूरी सभागार में नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता प्रो0 मनोज कुमार झा, पूर्व मंत्री मो0 शहनवाज आलम, डॉ0 मो0 शमीम अहमद, विधायक अख्तरूल इस्लाम शाहीन, विधान पार्षद कारी मो0 सोहैब, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व विधायक डॉ0 अनवर आलम, प्रदेश मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद सहित अन्य नेताओं के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में राष्ट्रीय जनता दल ने लोकसभा और राज्यसभा में अपनी बातें पूरी मजबूती के साथ रखी और कड़ा विरोध करके इसके खिलाफ वोट दिया। श्री तेजस्वी यादव ने कहा कि जो लोग मुसलमानो का हितैषी होने का ढोंग करते हैं उनका पोल खुल गया है। बिहार में जब हमारी सरकार बनेगी तो वक्फ संशोधन विधेयक को किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देंगे और इसे कुड़ेदान में फेंक दिया जायेगा। वक्फ संशोधन विधेयक असंवैधानिक बिल है और इसम...

भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं.आवाज गुम हो गई !

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       भारतीयों के हृदय में बसने वाले सीने स्टार मनोज कुमार आज सदा के लिए परलोक सिधार गये।इनके नस -  नस में देशभक्ति की जज्बा थी।   रोटी, कपड़ा और मकान' और 'क्रांति' जैसी बेहतरीन फिल्में देने वाले दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार का 87 साल की उम्र में मुंबई में निधन हो गया। 'पूरब और पश्चिम' फिल्म का गीत 'भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं...' आज भी सभी की जुबां पर हैं। उन्हें 'दो बदन', 'हरियाली और रास्ता' और 'गुमनाम' जैसी हिट फिल्मों के लिए भी जाना जाता था। भारतीय अभिनेता और फिल्म निर्देशक मनोज कुमार का शुक्रवार सुबह निधन हो गया। वे 87 साल के थे। उन्हें अपनी देशभक्ति फिल्मों के लिए जाना जाता था। उनकी देश प्रेम वाली फिल्मों के लिए उन्हें 'भारत कुमार' के नाम से भी जाना जाता था। उन्होंने कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में अंतिम सांस ली। इस खबर के बाद पूरे देश में शोक की लहर है। दोपहर बाद विशाल टॉवर, जुहू में उनके अंतिम दर्शन किए जा सकेंगे। कल सुबह पवन हंस श्मशान घाट, जुहू में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

वक़्फ़ विधयेक लोकसभा में पारित , स्वामीनाथन आयोग क्यों नहीं !

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    भाजपा के सहयोगी जदयू ,लोजपा, हम टीडीपी भाजपा के तलवे चाट रहे हैं, इसका खामियाजा भुगतना ही पड़ेगा। वक़्फ़ बिल में इसे मुस्लिमों की हित नज़र आ रही है तो धार्मिक न्यास परिषद में भी मुस्लिमों को भी सदस्य बनाया जाना चाहिए और तो और इस सहयोगियों को स्वामीनाथन आयोग लागू करवाने में मुंह में दही जम गई है।  भाजपा की  घोषणपत्र में  स्वामीनाथन आयोग भूमि सुधार में निहित था ,लेकिन इसे ठंडे बस्ते में डालकर वक़्फ़ विधयेक में बड़ी फुर्ती दिखाई है। सवाल है कि  भूमिहीनों को भूमि देने में सरकार की आनाकानी क्यों ?  आर्थिक असमानता, सामाजिक असमानता भारत जैसे समाजवादी देश में कलंक है। देश में जितनी गैर मजरुआ, मालिक गैर मजरुआ जमीन हैं, उस पर बड़े लोगों जमीन वाले का कब्जा है । एक तरफ भूमिहीन सड़क किनारे, नहर किनारे रहने के लिए विवश हैं  , दूसरी तरफ बड़े जोत - जमीन वाले  एशोआराम से रह रहे हैं। कोई नॉकरी, व्यवसाय किये बिना भी जमीन के टुकड़े से राजशाही जिंदगी जी रहे हैं। इस असमानता को दूर करना सरकार का काम है । स्वामीनाथन आयोग में भूमि सुधार के उपाय बताए गए हैं ।मोदी सरकार की घो...

दानापुर मंडल में बिना टिकट 700 लोग पकड़े गये, ढाई लाख रूपया(250000/-) पेनाल्टी वसूला गया।*

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पूर्व मध्य रेल का दानापुर मंडल उचित टिकट/प्राधिकार के साथ यात्रा करने वाले रेल यात्रियों की सुविधा को लेकर निरंतर सजग व कार्यरत है। इस संबंध में बिना टिकट/उचित प्राधिकार के रेल यात्रा करने के विरुद्ध दानापुर मंडल में निरंतर टिकट चेकिंग कार्य सघनतापूर्वक कराया जा रहा है।इसी क्रम में दिनांक 02.04.2025 (बुधवार) को महाप्रबंधक पूर्व मध्य रेलवे के निर्देशनुसार श्री जयंत कुमार चौधरी:मंडल रेल प्रवंधक दानापुर, श्री आधार राज:अपर मंडल रेल प्रवंधक (ओपी), दानापुर, श्री अभिनव सिद्धार्थ:वरीय मंडल वाणिज्य प्रवंधक, दानापुर और श्री प्रकाश पांडा: वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त, दानापुर के  द्वारा हरी झंडी दिखाकर दानापुर स्टेशन से 12:05 बजे दानापुर-डीडीयू सेक्शन के लिए लाल गाड़ी टिकट चेकिंग  स्पेशल पहली बार चलाया गया। यह लाल गाडी दो डिब्बे के रूप मे स्पेशल टिकट जांच ट्रेन बनाई गयी है ।आज इस अभियान मे कुल 26 चेकिंग स्टाफ और 15 आरपीफ स्टाफ शामिल है।  इस अभियान में दानापुर-डीडीयू सेक्शन के बिहटा स्टेशन के सभी प्लेटफार्म एंव गाडीं  नम्बर, 63265 (डीडीयू पटना मेमू ) 13239 ( पटना कोटा एक्सप्रेस) 127...

कैसे उसको पीटे थे यादव जी ! अप्रैल फूल !

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     यादव जी से एक पुरानी घटना को एक सज्जन पूछने लगे । यादव जी कहा - छोड़िए पुरानी बात को। कभी -  कभी हो जाता है, जब आदमी एक जगह रहता है तो ,कोई दुश्मनी थोड़े हो जाता है।  व्याकुल मन सज्जन का वह बार - बार पूछने लगा।यादव जी ने कहा - ठीक से याद नहीं है कि कैसे - कैसे मारे थे ? अब तू करेक्शन कर के बताना कि पंच वही मारे थे कि कहीं और। 8 -10 लोग तमाशबीन खड़े थे।यादव जी सज्जन के बाल पकड़े और दे दनादन ।लोग बीचबचाव करने आये।वे सभी को हटा दिया ,सज्जन जमीन पर गिरे छोड़ देने का दुहाई देने लगा।यादव जी बोले -अभी 10 फ़ीसदी भी नहीं बताया है, मुझे याद है कि वो घटनास्थल से अस्पताल गया था।इतना सुनते ही वो पांव पकड़ लिया और बोला -अब मुझे घटना नहीं जानना है। अब आज से यह जगह ही छोड़ दूंगा।बेचारा !मुँह ,नाक के खून पोछते भागा।दरअसल उस दिन भी अप्रैल फूल ही था और उसे फिर से कोई घटना करवाना चाहता था।  बेचारा भूल गया अप्रैल फूल।