पांडेय जी!चिराग जलाइये, झोपड़ी में आइये!टिकट पक्का!सेवा से निहाल होइए!थैला मत भूलिए!प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।
बाबूचक, पटना।
सड़क पर क्यों झोपड़ी में शरण लीजिए!
विधायक बने बिना जनता की सेवा होती नहीं।आज फण्ड और सुविधा हो जाये बन्द,बिल में छुप जाए विधायक उम्मीदवार!
सीधे सीधे ये क्यों नही कहता कि नेतागिरी में माल बनाने का अच्छा अवसर मिलता है,नाला बना दिया,सड़क,गली,स्कूल, मैदान।ये सब अपने बाप के पैसा से बना दिया।अभी नार्को टेस्ट हो जाये जनप्रतिनिधियों के मालूम हो जाएगा कि कितना पैसा जनता के खाया है।ऐसे ही चर्बी नही चढ़ी हुई है।टिकट नही मिलने पर जान दे रहे हैं। एक सज्जन डीजीपी पद त्याग के आये और कोई पूछ नही रहा है।कट गया टिकट।जानते हैं क्यों?पुलिसिया रौब के कारण।जब नीतीश के दरबार में टीआई परेड में गये तब बता दिया कि हमें नीतीश ने फोन कर के बुलाया है।बस,बात यही बिगड़ गयी।सीएम के इतना भी दिन नही घट गया कि किसी को फोन से बुलाये की आइये दर्शन दीजिये, प्रकट होइए पांडेय जी!अभी से चक्कड़ काटिये, गणेश परिक्रमा करिए,टिकट कॉन्फॉर्म।दल जॉइन करने में भी भूल हुई।भाजपा को कस के पकड़ते!
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