हमदर्द की गोली चिराग!सड़क पर क्यों झोपड़ी में लें पनाह!सत्ता की चाबी ,मौसम विज्ञान !प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।


 जिसका कोई नही रखवाला!लोजपा है दिलवाला!

बिहार विधानसभा चुनाव में कैसे दूध से क्रीम निकाल लिया जाये।ये कोई लोजपा से सीखे।पूर्व से लेकर निवर्तमान बाबूचक, पटना।
टिकट के लिये कहाँ गयी विचारधारा!
माननीय इनके झोपड़ी में पनाह ले रहे हैं।हमदर्द हैं,दीनदुखियों नेताओं के आँसू पोछे जा रहे हैं।आंसू तो हमसे भी देखा नही जा रहा है,लेकिन हर कोई चिराग नही हो सकता।इसके लिये बड़ा दिल के साथ सटीक मौसम वैज्ञानिक होना भी जरूरी है।लोजपा की जनाधार कितनी बढ़ेगी,ये नही मालूम,लेकिन हताश,निराश नेताओं की जमावड़ा लगेगा,कोई शक नहीं।कितने लोग इनके जीतेंगे ये अलग बात है,लेकिन कितनों के खेल बिगड़ेंगे ये बड़ी बात है।राजनीति में अगर काम बनने से दूसरों के खेल बिगड़ गया तब बड़ी बात है।ऐसे भी चिराग के हाथों सत्ता की चाबी हाथ लग गयी तब क्या होगा?उथलपुथल, भूचाल आ जायेगी।पहली बार देश जानेगा, दलित की ताकत!भोला पासवान शास्त्री बन जाये तो कोई आश्चर्य नही होगा।राजनीति संभावनाओं का खेल है।
प्रसिद्ध यादव।

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