सार्वजनिक जीवन अनमोल।गुमनाम क्यों? प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।
जीवन के पल कुछ यादगार बन जाती हैं।मैं यह नही कहता की पैसों की अहमियत जीवन मे नही है,लेकिन सार्वजनिक रूप से सम्मानित होना गर्व की बात है।ये पैसों से नही खरीदी जा सकती है,बल्कि आपकी निष्ठा, लग्न,ईमानदारी का मूल्यांकन है पुरस्कार।सूत्रधार द्वारा कार्यक्रम की सफल आयोजन के लिये मुझे यह मेमेंटो नवाब आलम और दानापुर के विधायक मा रीतलाल राय द्वारा हजारों दर्शकों के बीच मंच पर दिया गया।मेरे लिये कोई रोमांच से कम नही था।इतने कम समय मे इतना बड़ा आयोजन कैसे सफल हो गया,आश्चर्य होता है।इसमें मित्रों ,सहयोगियों के बड़ा हाथ रहा।नवाब साहब सूत्रधार के सूत्रधार तो है ही,लेकिन दिन रात तन मन धन से लगे इनके दोनों पुत्र का काफी योगदान रहा। जीशान आलम के बिना कार्यक्रम की कल्पना ही नही की जा सकती।
सभी को आभार।
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