होली में महंगाई से हार्ड टेम्पर ।-प्रसिद्ध यादव।लघु कथा पढ़ें।
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" होली में इतना टेम्पर काहे है भौजी "! ऐसे कैसे होली होगी "? मंगरु के इतना कहते ही मुंहबोली भौजी तपाक से बोली,""जाइयेगा की दिमाग खराब कीजिएगा।महंगाई में होली लउक रहा है,पेट भरना मुश्किल है और ऊपर से मजाके सूझ रहा है।" , ""महंगाई! अरे पहले ई डायन थी,लेकिन अब भौजाई हो गयी।सुने हैं की विकास की लुगाई हो गयी है।अब आदत बन गयी है,लोग हँस हँस के स्वागत कर रहे है और एक आप हैं की भड़कले हैं""।, ""भड़के नही जी।कोई समान ढंग से खरीदा रहा है।फिर होली में सामान कैसे किनायेगा।कभी सोचे हैं" । , "लेकिन भाई साहब तो सरकार की गुणगान करते रहते हैं।", "आप झूठ बोल रहे हैं।" , "देखा दें फब ।देखिए।सरकार है तब मुमकिन है।फिर से एक बार वही सरकार। " , " आने दो घर आज।अब गैस चूल्हा को भूसा में रख दिया,मोटरसाइकिल भी।महंगाई पर काहे नही मुँह खोलते हो।बच्चों के स्कूल के फीस देखके दिमाग चकरा गयी है।कोरोना में पढ़ाई लिखाई सुथनी औऱ पैसा नगद नारायण चाहिए।गोइठा से खाना बनाने में आंख फुट जाती है।बाजार में जाओ तब समान के दाम सुनके लगता है की का करें।" , " भौजी! बीपीएल के कार्ड बना हुआ है न।अरे नाम मत लो।सब बड़ा बड़ा जोत और नॉकरी वाला के बनल है,गरीब टुकुर टुकुर मुँह ताक रहा है। कर्ज लेकर घर में पैखान बनाये की पैसा मिल जायेग।जब ब्लॉक गए तब हमर नाम के पैसा खा गया है।गरीब के कोई देखे वाला नही है। चारो तरफ दारू के धंधा में लोग लगल है।हमको लगता है की अब सरकार के वश मेँ कुछो नही है,खाली महंगाई के छोड़ के।" , "भौजी बात एकदम सही कह रहे हैं,लेकिन होली है तब फगुनहट व्यार बहना चाहिए की नही।टेंशन छोड़िये और होली मनाइये।बाकी ऊपर वाला के हाथ में छोड़िये,सब ठीक हो जायेगा।"।, "ख़ाक ठीक हो जायेगा।गरीब कुंहुर कुंहुर के मरेगा बस। "
प्रसिद्ध यादव।
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