पंचायतों में लूट है,बाप की संपत्ति की तरह छूट है।प्रसिद्ध यादव।
जांच हो पंचायतों की कार्य को।
केंद्र व राज्य सरकार जिस प्रकार से पंचायतों में विकास के लिये अपनी खजाना खोली गई है,इसे जमीन पर जांच करने की जरूरत है।कोई ऐसा योजना नही है,जिसमें गड़बड़ी नही है।जल नल योजना, जल जीवन हरियाली, मनरेगा आदि योजनाओं में लूट हो रही है।आमजन को कैसे मालूम होगा कि कौन सी योजनाओं की क्या प्राक्कलन है।जल नल योजनाओं में टंकी की वज़न क्या होनी चाहिए, टावर लगाने की मानक क्या है? उसके मोटर कितनी हॉर्स पावर की है। नल आपूर्ति वाली पाईप कैसा हो,जमीन में कितनी गहरी हो आदि की सूचना पट्ट कहीं नही लगी हुई है? जनता कैसे समझेगी की कोई काम प्रकल्लन के हिसाब से हुई है।सरकार केवल अंकेक्षण कर के काम को इतिश्री कर देती है।यही कारण है की जनप्रतिनिधियों की रुतवा करोड़ पति से कम नही है।यही कारण है की चुनाव में रुपये पानी की तरह बहाई जाती है।आखिर इसे कौन देखेगा?योजनाओं की प्रस्तावित राशि को सार्वजनिक क्षेत्र में क्यों नही बोर्ड लगाई जाती है।गांधी जी ने जो ग्राम स्वराज का सपना देखा था,शासन का विकेंद्रीकरण किया गया था आज भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों व नॉकरशाह द्वारा इसे धूमिल किया जा रहा है।सरकार द्वारा जल नल योजना को पूरी नही करने वाले प्रतिनिधियों को चुनाव से अलग रहने की नीति बनाई है जो काबिलेतारीफ है,लेकिन यह नाकाफी है।भ्रष्टाचारी को सख़्त सजा देने की जरूरत है।
प्रसिद्ध यादव
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