शराब की अवैध कारोबार बनी आय की जरिया।प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।रिया


 बदल गयी विकास की परिभाषा!

पहले विकास का मतलब आमजन की रोजी रोटी रोजगार, जीवन स्तर,क्रय शक्ति,प्रति व्यक्ति आय, उपभोग, स्वास्थ्य, शिक्षा,शांति,सद्भाव, आगे बढ़ने का सभी को समान अवसर आदि थे,लेकिन बदलते समय में विकास के आंकड़े,घोषणाएं आदि रह गयी हैं। महंगाई की हालत क्या है?कोई नियंत्रण नही है,रोजगार के लिये आवेदन देने के एवज में बेरोजगारों से अरबों ऐंठे गए।सार्वजनिक क्षेत्र को निजी क्षेत्र में कर के रोजगार के अवसर कम हुए और तो और  आईएसआई लेवल की बहाली बिना परीक्षा के कर के संयुक्त सचिव के पद पर बैठना, राजनीति फायदा से ज्यादा कुछ नही है। कोविड के जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा, जीवन बचाने और सुधारने के नाम पर हर साल 1 करोड़ रुपये पानी में बहाना और उल्टे शोषण,अत्याचार, हत्या की  तांडव होना कैसा विकास और सुशासन है? मनरेगा,जल नल योजना, जल जीवन हरियाली से लेकर प्रखंड में दाखिल खारिज़ के लिए मोटी रकम ऐंठना कैसा गुड गवर्नेंस है? शराब बंदी के बाद अवैध शराब के कारोबार एक नया रोजगार सृजन हो गया है। कैसे फील गुड करें।धरातल पर क्या हो रहा है?इसे देखें तब मालूम होगा कि कितना विकास और कितना लूट हो रही है।

प्रसिद्ध यादव।

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