महंगाई की मनमानी हद कर दी हुजूर! प्रसिद्ध यादव।
ये मनमानी की पराकाष्ठा नही तो और क्या है?हुजूर देश चला रहे हैं की एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं की जनता कितनी बर्दास्त करती है।लोकलाज के मारे आपके समर्थक नही बोल रहे हैं ,लेकिन हवा उनकी भी निकली हुई है।क्या मज़ाक है डीजल ,पेट्रोल,एलपीजी गैस की कीमत कितना बढ़ाओगे एक बार बता दें, ताकि जनता वैकल्पिक व्यवस्था करे।रोज़ रोज के हलाल होने से अच्छा है की एक ही बार खत्म कर दो।अब सरकार के खिलाफ बोलना भी देशद्रोही, टुकड़े टुकड़े गैंग की संज्ञा दी जाती है।आखिर ऐसे सम्राज्य कब तक चलेगा।सुधार कीजिए, नही तो ताश की पते की तरह ढेर होते देर नही लगेगी।मनमानी की भी हद होती है यार।
प्रसिद्ध यादव।
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