जुगाड़ इंजन " बदलिए।प्रसिद्ध यादव।
शब्दों से खेलना सीखिए।शब्द में इतनी ताकत है कि देवता को दानव और दानव को देवता बनाने में देर नही लगती।उपमा अलंकार का उपयोग कीजिये, फिर देखिए -कैसी कहानी बनती है।अगर असत्य का मिश्रण करना ठीक से जानते हैं तब उच्च पद भी हासिल हो सकता है।शब्द ब्रह्म है,इसका असर मन मस्तिष्क पर पड़ता है फिर व्यवहार भी वैसा ही हो जाता है।आप रोज अखबार पढ़ते हैं।गौर से देखियेगा।कौन सी खबर की प्रथमिकता रहती है? दस दिनों का संग्रह कीजिए, उत्तर मिल जायेगा।टीवी देखिए एंकर की आवाज,हेड लाइन ।बहुत कुछ कह देता है।सरकार की उपलब्धि को दिन रात परोसे जाते हैं।देख सुन कर यही छवि बनाई जाती है।और तो और चौक चौराहों पर वोकल रहते है,सोशल मीडिया में भी ठेका ले रखा है।शब्दों की माया जाल में न पड़े,जो महसूस करते हैं,वही व्यान कीजिए, किसी की देखादेखी नही।किसी की वाहवाही के लिए जमीर मत बेचो यारों।जो मेरे दिल में आग सुलग रही है,वो अपने सीने में भी सुलगाओ।यकीन कीजिए! " जुगाड़ इंजन" नही रहेंगे।
प्रसिद्ध यादव।
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