लुटेरों को भी पीछे छोड़ा धरती के भगवान! प्रसिद्ध यादव के साथ शेयर करें।
कोविड - 19 की काली साया दुनिया पर पड़ी तब दुनिया घरों में कैद हो गयी थी,उथल पुथल हो गया थ,मानवता खतरे में पड़ गयी थी।आर्थिक नुकसान किसे कितना हो रहा है,इसकी भी परवाह नही रही।सभी को बस यही लग रहा था की ये बला के चंगुल में न आये।चोरी,डकैती, लूट,पॉकेटमनी करने वाले भी थम गए थे।शायद उन्हें भी एहसास हो गया था की जब जीवन ही नही रहेगी तब ये धन दौलत किस काम के होंगे? लेकिन ये बात बिहार के धरती के भगवान डॉ को समझ नही आई और फर्जी कोविड जांच के नाम पर पैसा जोड़ रहे थे।इतनी भी शर्म नही आई की इन्हें फ्रंट लाईन वारियर की संज्ञा दी गयी और ये लुटेरों को पीछे छोड़ लूट के फ्रंट लाइन भ्रष्ट बने हुए थे। मामला केवल बिहार के जमुई जिला के नही है,कमोबेश हर जिले में यही हाल है।दुर्भाग्य यह है की इस पर सरकार की नजर नही गयी और भी बात विपक्ष को संसद में उठानी पड़ी।भ्रष्टाचारी लोग एक बात समझ लें की भ्रष्टाचार को अपनी काबलियत,हुनर समझते हैं कि आज जो भी संसाधन मिले हैं वो जनता की खून पसीने से बनी है,चाहे वो मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, प्राइवेट, पब्लिक सेक्टर, इमारत या अन्य सभी।इनपर देश की जनता की अधिकार है न की किसी की व्यक्तिगत सम्पति है।अगर कोई भी ऐसी सम्पति को बनाया है उसे तुरंत सार्वजनिक संपत्ति घोषित किया जाए और भ्रष्ट को कठोर सजा दी जाए।अगर ऐसे ही सार्वजनिक संपत्ति की हड़प की प्रतियोगिता शुरू हो जाये तब परिस्थिति क्या होगी? अगर ईमानदारी इतनी कठिन है तब कम से कम सप्ताह के एक दिन ईमानदारी पूर्वक काम करने की शपथ लें,इससे भी बदलाव आ सकता है और जीवन में सकून मिलेगा।
प्रसिद्ध यादव।
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