पकड़ के लाओ चमचों को। बुरा न मानो। प्रसिद्ध यादव। होली में चमचों को मत छोड़ो। कई साल से चमचै की हद कर दी। सच्चे समाजवादी नेता नीतीश जी को जय। दारू बन्द से बिहार समाजवाद की और। कुछ ही दिनों में दारू के धन्धवाज झोपड़ी से महल में और दारू पीने वाले महल से झोपड़ी की ओर। प्रभु! नीतीश जी को दारू बन्द की जिद्द कायम रहे, देखना एक दिन पुलिस और दारू वाले की हैसियत के सामने कोई खडा नही होगा। होली में एक पुरिया रंग भी बाबू के पैसे से लेना पड़ता था, आज बाबू जी को सफारी से घुमा रहे हैं, मुखिया के चुनाव लड़ा रहे हैं और तो और एक महीना से संतों के प्रवचन हो रहे हैं। बनारस वाले बाबा शाम को प्रवचन खत्म कर के बनारस लौट जाते है और फिर दूसरे दिन आ जाते हैं। चार चार गाड़िया आती जाती है और उसी में आ जाते हैं दारू। पुण्य के पुण्य और कमाई भी। डबल इंजन की सरकार में एक इंजन फेल हुआ तब नीतीश बाबू वाला इंजन काम आया। राष्ट्र निर्माता हैं, युवाओं को आज कोई नहीं देखने वाला था। लॉक डाउन में बिहार पटरी पर आ गया, कम बात है। पत्रकारों को सूझता नही है, खाली सरकार के पीछे हाथ धो के पड़ जाते हैं। कभी सकरत्मक् खबर भी दिखाओ, विपक्ष की चमचागिरी बन्द करें, नहीं तो जो हाल सड़क से सदन तक हुआ है, वही हाल आपलोगों को भी होगी। पीठ के दर्द नही गया है। ये वाक्या मैं हास्य समारोह में सुना रहा था। पुलिस आई और मंच पर ही गिरफ़्तर कर ली। मैं पूछा कोई वारंट है। पुलिस बोली- अब वारंट की क्या जरूरत है। कवि ने कहा भाई मुझे कोई भांग पिला दिया है। माफ़ करना। आयोजक बचाये और बोले बुरा न मानो होली है। प्रसिद्ध यादव लिखे और किसी को बुरा न लगे, ये तो हो ही नही सकता है। 3 दिन से इंटरनेट वाला मुझे लिखने पर पाबन्दी लगा दिया था। आज लिखने का अवसर दिया है, वो भी निगरानी करेगा। नही तो बहुत कुछ लिख देता भौजाई की होली, साली की होली, बंड की होली , बुढ़ा की जवानी, . होली में सबसे khatarnak.. बुधिजीवि होता है, बोलेगा कुछ नही और टुकुर टुकुर ध्यान एक दम उहें रहेगा।यह वाक्या एक भौजाई ने बताई थी।हुर्दंग करे वाला आया गया, लेकिन खरुस् से बचा के सीधे बॉर्डर पर हमला करता है, जैसे सीमा पर जवान।घरे भूल के मत बुलाइयो, न तो आपकी क्षति पूर्ति भगवान भी नही करेंगे।बोलने वाले और लिखने वाले अपनी बात खोल देते हैं और ढेर लोग इस पोस्ट को खुद पढ़ेगा और अपनी बीबी को नही पढायेगा।50 गाली छुट के देंगे।अरे मूर्खों यह पोस्ट महिला है गँवार पढ़े लिखे लोगों के लिए नही।होली में कुछ बुरा नही तो लिखा। आप मेरा जयजयकार करें तब आपके साथ रहेंगे वरना बाय। प्रसिद्ध यादव।
होली में चमचों को मत छोड़ो। कई साल से चमचै की हद कर दी। सच्चे समाजवादी नेता नीतीश जी को जय। दारू बन्द से बिहार समाजवाद की और। कुछ ही दिनों में दारू के धन्धवाज झोपड़ी से महल में और दारू पीने वाले महल से झोपड़ी की ओर। प्रभु! नीतीश जी को दारू बन्द की जिद्द कायम रहे, देखना एक दिन पुलिस और दारू वाले की हैसियत के सामने कोई खडा नही होगा। होली में एक पुरिया रंग भी बाबू के पैसे से लेना पड़ता था, आज बाबू जी को सफारी से घुमा रहे हैं, मुखिया के चुनाव लड़ा रहे हैं और तो और एक महीना से संतों के प्रवचन हो रहे हैं। बनारस वाले बाबा शाम को प्रवचन खत्म कर के बनारस लौट जाते है और फिर दूसरे दिन आ जाते हैं। चार चार गाड़िया आती जाती है और उसी में आ जाते हैं दारू। पुण्य के पुण्य और कमाई भी। डबल इंजन की सरकार में एक इंजन फेल हुआ तब नीतीश बाबू वाला इंजन काम आया। राष्ट्र निर्माता हैं, युवाओं को आज कोई नहीं देखने वाला था। लॉक डाउन में बिहार पटरी पर आ गया, कम बात है। पत्रकारों को सूझता नही है, खाली सरकार के पीछे हाथ धो के पड़ जाते हैं। कभी सकरत्मक् खबर भी दिखाओ, विपक्ष की चमचागिरी बन्द करें, नहीं तो जो हाल सड़क से सदन तक हुआ है, वही हाल आपलोगों को भी होगी। पीठ के दर्द नही गया है। ये वाक्या मैं हास्य समारोह में सुना रहा था। पुलिस आई और मंच पर ही गिरफ़्तर कर ली। मैं पूछा कोई वारंट है। पुलिस बोली- अब वारंट की क्या जरूरत है। कवि ने कहा भाई मुझे कोई भांग पिला दिया है। माफ़ करना। आयोजक बचाये और बोले बुरा न मानो होली है। प्रसिद्ध यादव लिखे और किसी को बुरा न लगे, ये तो हो ही नही सकता है। 3 दिन से इंटरनेट वाला मुझे लिखने पर पाबन्दी लगा दिया था। आज लिखने का अवसर दिया है, वो भी निगरानी करेगा। नही तो बहुत कुछ लिख देता भौजाई की होली, साली की होली, बंड की होली , बुढ़ा की जवानी, . होली में सबसे khatarnak.. बुधिजीवि होता है, बोलेगा कुछ नही और टुकुर टुकुर ध्यान एक दम उहें रहेगा।यह वाक्या एक भौजाई ने बताई थी।हुर्दंग करे वाला आया गया, लेकिन खरुस् से बचा के सीधे बॉर्डर पर हमला करता है, जैसे सीमा पर जवान।घरे भूल के मत बुलाइयो, न तो आपकी क्षति पूर्ति भगवान भी नही करेंगे।बोलने वाले और लिखने वाले अपनी बात खोल देते हैं और ढेर लोग इस पोस्ट को खुद पढ़ेगा और अपनी बीबी को नही पढायेगा।50 गाली छुट के देंगे।अरे मूर्खों यह पोस्ट महिला है गँवार पढ़े लिखे लोगों के लिए नही।होली में कुछ बुरा नही तो लिखा। आप मेरा जयजयकार करें तब आपके साथ रहेंगे वरना बाय।
प्रसिद्ध यादव।
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