सच्ची खबर अखबार खा गयी- प्रसिद्ध यादव
सच्ची खबर अखबार खा गयी
टी आर पी के चक्कड़ में
लोकतंत्र के स्तम्भ में
आग लग गयी
परोसो कुछ भी
सच है की दरबार में पुँछ हिलाया
सरकार भी तेरा , दरबार भी तेरा
जुर्म मुजरिम करता
सजा बेगुनाह को मिलती है
बहुमत हमेशा न्याय ही करे
यह किसने बताया है?
सुकरात को जहर
बहुमत ने ही दिया था।
गैललियो को बहुमत ही
तोड़ मरोड़ दिया था।
हिटलर को चांसलर
बहुमत ही बनाया था।
मुसोलनी को सिंहासन पर बिठाया था
खाक हो जायेगा तेरा वजूद भी।
टूट जायेगा तेरा गुरुर भी।
बहुत आये और चले गये।
मिट जायेगा तेरा नमो निशां भी।
लोकतंत्र की आर में ।
लोक की गला घोंट दिया।
खड़ी रहेगी विरोधी आवाजें।
यूँ हीं बुलंद हुए।
किसे झुकाने चले हो।
जो सीने में इंकलाब लेकर बैठा है।
माटी के तन पर
पहन स्वर्ण मुकुट ।
खूब इतराए हो
इतिहास को कौन कहे?
भूगोल बदल देते हैं हम।
प्रसिद्ध यादव।
बेरोजगारी, मंहगाई, भ्रष्टाचार और गलत कानून का विरोध करने पर सरकार के तरफ से इसी तरह की कारनामे पेश की जाएगी। आपको याद होगा कि नियोजित शिक्षकों को किस तरह से बेरहमी और निर्ममता के साथ पिटवाया था।
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