दानापुर दियारा के लोग भगवान भरोसे! कब कल्वित हो जाएं? सरकार बेपरवाह। प्रसिद्ध यादव।

 दानापुर दियारा आज भी कितना अभिसप्त है, दुनिया चाँद की सैर कर रही है, लेकिन यहाँ के दियारवासि अपने मुख्यालय दानापुर शहर आने में जान की जोखिम भरा होता है। 23 अप्रिल को सुबह अकिलपुर से दानापुर के लिए  सवारी गाड़ी से निकले, पीपा पुल पर चढ़ते ही चालक संतुल् खो दिया और गाड़ी रेलिंग तोड़ते हुए जल समाधि ले ली। 9 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, अन्य लापता है।  घाट पर रुदन, क्रंदन, चित्कार से लोगों के हृदय द्रवित हो गया था।अगर आने जाने का सुगम रास्ते होते तब आज शादी वाली घर में मातम नही मनाया जाता।दियारा में आज भी पढाई, कमाई, दवाई की कमी है, यही कारण है की  अधिकांश लोग यहाँ से पलायन कर उपरवार और शहरों में ठिकाना बना लिए। दियारावासी बहुत ही जीवट, कड़ी मेहनती होते हैं। इनके जीने का आधार  मवेशी, खेती, मजदूरी है, लेकिन इनकी दशा पर कोई तरस नही खाता, सरकार भी इनके उद्धार के लिए कोई ठोस उपाय नही कर रही है। यह कोई पहली घटना नही है, घटनाओं - दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति होते रहती हैं। पीड़ित कोई बड़े रसुख वाले नही होते हैं, इसलिए इनके जीने मरने से किसी सरकार या जॅनॅप्रतिनिधियों के सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता। दियारावसी बड़े ही भावुक होते हैं, झट से किसी के झांसे में आ जाते हैं। घटनाओं के बाद घड़ियाली आँसू खूब बहाये जायेंगे, लेकिन मानवता मर गयी, संवेदनाएं खत्म हो गयी है। समय पर सरकारी गोताखोर नही पहुंचे, स्थानीय गोताखोरों ने खोजबीन में मस्कत् किये। मृतकों के परिजनों को 4 - 4 लाख की मुआवजा  एवम जाँच के आदेश सरकार द्वारा  जारी किया है। 

प्रसिद्ध यादव। 



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