रितेश घोष आपकी बहुत याद आ रही है! प्रसिद्ध यादव।
कितने मधुर स्वभाव के थे, कितने मिलनसार , मृदुभाषी थे ये दानापुर मंडल के लोग जानते थे, बिना चाय पिलाये कभी भी अपने कार्यालय जनसंपर्क विभाग मंडल रेल कार्यालय दानापुर में नही लौटने देते, चाहे कोई अतिथि हो या पत्रकार। यही कारण है की सभी पत्रकारों के प्रिय थे, फिर भी आप इतने जल्द लोगों से विस्मृत हो गए, समझ नहीं आती। आपकी मौत की खबर सुनकर आपके भाई सदमा बर्दास्त नही कर पाए, और वो भी आपके साथ हो गये। काफी मर्माहत करने वाली खबर है, अंदर से मन टूट गया, काफी मैं विचलित हूँ। खबर में देख रहा हूँ, बहुत सारे एक्सपर्ट अपनी तरह तरह की राय दे रहे हैं, लेकिन मुझे किसी को ट्रोल नही करता इस बुरे वक्त में न किसी से अपेक्षा करता हूँ।ईश्वर आपको श्री चरणों में स्थान दें और परिवार को दुख सहने की साहस दें। नमन!
प्रसिद्ध यादव।

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