डीडीयू रेल मंडल में प्रमोशन में भ्रष्टाचार में संलिप्त दो अधिकारी सहित 17 लोको पायलट गिरफ्तार !
रेलवे बिल्ली के जिम्मे दूध की रखवाली करवाती है। दूध कितनी सुरक्षित रह सकती है ,सहज ही समझा जा सकता है। एक तरफ रेलवे के भ्रष्ट अधिकारी स्वम को स्वम्भू समझ रेलवे के छोटे छोटे कर्मचारियों को बहाना बनाकर दिन रात दंडित करने का कुचक्र रहते हैं। इससे पाप मिटने वाला नहीं है और एक न एक दिन किसी जेलों में कैदी नम्बर से ही जाने जाएंगे। छोटे छोटे कर्मचारियों के परिवार का हाय लगना तय है। अगर छोटे कर्मचारी से कोई भूल होती है तो उसे समझाया जा सकता है न कि उस पर सीधे तलवार चला दिया जाए।तलवार चलाने से पहले अपनी गिरेबान में भी झांक लेनी चाहिए कि मेरी गलती की सजा क्या होनी चाहिए ? अति सर्वत्र वर्जित है। पावर व पद का घमंड आदमी को कहीं का न छोड़ता है। रेलवे में यूनियन है लेकिन अधिकारियों के भय से कोई कुछ नहीं बोलता है, बल्कि उल्टे उनके खुशामदी में दिन गुजरते हैं। दानापुर डिवीजन में भी इस पद पर प्रोमोशन के लिए कई बार परीक्षायें रद्द हुई है।रद्द होने का कारण राजा हरिश्चंद्र की सत्यता तो नहीं ही हो सकता है। आने वाले। समय में शीघ्र ही यहां भी पाप की घड़ा जल्द फूटने वाली है। एक आईआईटियन ,इंडियन रेलवे ...
Comments
Post a Comment