युवाओ के भविष्य से खिलवाड बन्द हो! प्रसिद्ध यादव।

   

बिहार के सर्विस परीक्षा में  परदर्सिता हो!

बिहार सर्विस कोई भी ऐसी परीक्षा नही हुई जिसपर उंगली नही उठी? पुलिस की दौड़ में कितने लोग हवालात में गये, लेकिन सरकार की नाकामी के चलते कितने योग्य अभियर्थियों को लिखित  परीक्षा में असफल होना पड़ा।यही हाल Bpsc की 64 वीं की पीटी परीक्षा में हुई।1 प्रश्न गलत होने से 900 अभ्यर्थी बाहर हो गये थे, ऐसे करीब 5 -6 प्रश्न गलत थे।पटना हाई कोर्ट ने केस भी हुआ था, लेकिन उसी पर रिजल्ट हो गया।इस परिणाम के बाद दो अभ्यर्थी आत्महत्या कर लिए थे, लेकिन सरकार के  कान पर जुँ तक नही  रेंगी।

बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षा परिणाम यानी एसटीईटी रिजल्ट जारी होने के बाद एक बार फिर से बिहार बोर्ड सवालों के घेरे में है तो अभ्यर्थियों का आंदोलन अब भी जारी है. कुल 15 विषयों का रिजल्ट जारी होने के बाद मेरिट लिस्ट के पेंच में अभ्यर्थियों का भविष्य फंस गया है, वहीं महिला अभ्यर्थी भी रिजल्ट में धांधली का आरोप लगा रही हैं. दरअसल महिला अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षा से पहले बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा था कि टीईटी, एसटीईटी में सभी कैटगरी की महिला अभ्यर्थियों को 45 प्रतिशत अंक लाने पर क्वालीफाई किया जाएगा. लेकिन, रिजल्ट आने के बाद जनरल कटेगरी की महिला अभ्यर्थी ठगा महसूस कर रही हैं क्योंकि जनरल कटेगरी की महिला अभ्यर्थियों को 50 प्रतिशत पर क्वालीफाई किया गया है. इससे हजारों अभ्यर्थी मेरिट लिस्ट से बाहर हो गई हैं.

हैरानी की बात तो ये है कि इससे पहले आयोजित हुई एसटीईटी और टीईटी परीक्षा में महिला अभ्यर्थियों को 5 प्रतिशत का छूट दिया गया था जबकि 2019 की परीक्षा में इसका लाभ नहीं मिला. हालांकि शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने ये भरोसा जरूर दिया है कि सभी एसटीइटी उतीर्ण अभ्यर्थियों की बहाली होगी. लेकिन, जो अभ्यर्थी मेरिट लिस्ट से बाहर हैं उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि अब बहाली कैसे होगी.

इधर बीएसइबी यह जानकारी भी नहीं दे रहा है कि एसटीइटी पास कितने स्टूडेंट विषयवार मेरिट लिस्ट में नहीं आये हैं. जाहिर है ऐसे में अभ्यर्थियों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इधर अभ्यर्थियों का आरोप यह भी है कि जब नियोजन इकाई मेरिट लिस्ट जारी करती है तो बिहार बोर्ड ने मेरिट लिस्ट कैसे और किस नियमों के आधार पर जारी कर दिया, क्योंकि रिजल्ट जारी होने के बाद मेरिट लिस्ट जारी करने का काम नियोजन इकाई का होता है. अब सातवें चरण की बहाली में लगभग 37 हजार 400 पदों पर बहाली होनी है इससे पहले मेरिट लिस्ट से बाहर हुए अभ्यर्थी अब परेशान हैं.

बता दें की 15 विषयों में मेरिट लिस्ट में कुल 30675 अभ्यर्थी हैं, वहीं मेरिट लिस्ट के आधार पर 6772 सीटें कम रह गई हैं. यह इसलिए कि सभी एसटीइटी उतीर्ण अभ्यर्थियों को मौका नहीं दिया गया. इधर लगातार अभ्यर्थियों के हंगामे और आंदोलन के बाद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने आनन फानन में चार सदस्यीय कमिटी बना दी है. यह कमिटी विज्ञापन से लेकर मेरिट लिस्ट तक की जांच में जुटी है.

शिक्षा विभाग की मानें तो मंगलवार यानि 29 जून को कमिटी की रिपोर्ट शिक्षा विभाग को मिल जाएगी और उसके आधार पर सभी न्यूनतम अंक से अधिक अंक पानेवालों को बहाली का मौका दिया जाएगा. अब 29 जून तक अभ्यर्थियों को इंतजार करना होगा कि आखिर मेरिट लिस्ट से बाहर हुए कितने अभ्यर्थियों को लिस्ट में शामिल किया जाता है.



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