बाबा साहब अम्बेडकर युग युग तक रहेंगे प्रासंगिक!प्रसिद्ध यादव।

     

   Kbc में इनसे सम्बन्धित पूछा गया 7 करोड़ का सवाल।



काश! हिमानी बाबा साहब को गहराई से पढ़ी होती तब 7 करोड़  kbc में जीत गयी होती। कई कठिन सवालों की जवाब को देते हुए 1 करोड़ जीती। इनकी बुद्धिमत्ता की जितनी तारीफ की जाए कम होगी। अम्बेडकर पर kbc में 7 करोड़ के सवाल पूछे जाने के लिए सोनी टीवी चैनल बधाई की पात्र है। इससे पहले के सत्र में भी अम्बेडकर पर एक सवाल था कि इन्होंने कौन सी धार्मिक पुस्तक को जलाई थी, जिसका सही उत्तर था मनुस्मृति। इसके लिए पोंगापंथियों ने बबाल किया था। 7 करोड़ के लिए हिमानी को पूछा गया कि डॉ बी आर आंबेडकर द्वारा लन्दन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में प्रस्तुत हुए थीसिस का शीर्षक क्या था जिसके लिए उन्हें 1923 में डॉक्टरेट की उपाधि दी गई थी ? द वांट्स एंड मीन्स ऑफ इंडिया, द प्रॉब्लम ऑफ रूपी, नेशनल डिविडेंट ऑफ इंडिया और द लॉ ऑफ लॉयर यह चार पर्याय हिमानी के सामने थे. इस सवाल का सही जवाब था ‘द प्रॉब्लम ऑफ रूपी.अम्बेडकर साहब की कृति के कारण युग युग वे  तक प्रासंगिक रहेंगे।अम्बेडकर बल, ज्ञान, मानवता, समानता के प्रतिमूर्ति थे।  संघर्ष की गाथा, छुआछूत के असीम दंश झेले, गरीबी, मुफलिसी में जीकर दुनिया को नई रोशनी दिया।  परमार्थ की जीवन कैसी होती है, इनके जीवन से सीखें। गरीबों, मजलूमों को हक़ दिलाने के लिए अकेले कट्टरपंथियों से कितना संघर्ष किया और हक दिलवाया, संविधान से मालूम होता है। किसी को जाति सूचक भी संबोधन किया तो खैर नहीं, लेकिन दुर्भाग्य है कि आज  भी बहुजन मुक्ति का मार्ग पत्थरों में ढूंढकर , सर पटककर अपना सर्वस्व लुटा रहा है।आप जैसे महान  मानव का अवतरण युगों युगों के बाद होता है।जो अभागा होगा वही अम्बेडकर को नही जानेगा।

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