डकैतों को भी पीछे छोड़ा भ्रष्टाचारी! दूबे भ्रष्टाचार की मन्त्र से 21 साल चलाया धौंस।प्रसिद्ध यादव@ A P Gtl
डकैतों, कुख्यातों, अपराधियों, हत्यारों के नाम सुनकर लोग डर जाते थे। मन में एक डरावनी तस्वीर बन जाती थी। चम्बल के डाकू, डाकू मलखान सिंह आदि अनेक डाकू बने जिन्हें नाटकों और फिल्मों के द्वारा देखा जाता था। अभिनय देखकर, कर्कश आवाज, रौबीले मूंछे, भीमकाय शरीर और हाथों में हथियार होते थे। अब इनसे भी खतरनाक दस्यु हमारे बीच भ्रष्टाचारी के रूप में है। फर्क बस इतना है कि ये चॉकलेटी चेहरा , फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने लिखने वाले, वर्दी पर स्टार, अशोक स्तम्भ, सारी सरकारी सुविधा प्राप्त होता है। कोई इंजीनियर, आईएस, आईपीएस, डॉक्टर, बीडीओ, सीओ, थानेदार से लेकर चौकीदार तक हैं। अब ऐसे जिम्मेवार लोगों को देखने पर चम्बल के डाकू जैसा इमेज बन जाता है। लोग डर के मारे बोलते नही और कोई समाज सुधारक की सनक लिये ऐसे लोगों से भिड़ गए तो उनकी खैर नहीं। भ्रष्टाचारी को समझ आ गई है कि पावर मिलने का मतलब जनता की कार्यों को निष्पादन करना नहीं, बल्कि लूटने की आजादी है। अब इनके चरित्र इतने गंदे हो गए तो जीवन यापन करने के लिए लूटने वाले को नफरत नहीं करना चाहिए।राकेश दुबे पर अपनी पत्नी, स्वजनों, मित्रों व व्यावसायिक सहभागियों के जरिए काले धन को सफेद बनाने यानी मनी लांड्रिंग करने के भी प्रमाण मिले हैं। बिल्डरों से साठ-गांठ कर कई राज्यों के आधा दर्जन से अधिक कंस्ट्रक्शन कंपनियों में अवैध तरीके से नकद राशि निवेश की गई है। इसके अलावा होटल, रेस्तरां, मैरेज हाल व भू-खंडों में भी करोड़ों रुपये निवेश किए गए हैं। अवैध तरीके से कमाए गए करोड़ों रुपये ब्याज पर भी लगाए गए हैं। ईओयू की टीम अभी इन सारी संपत्तियों का आकलन कर रही है। उनकी मां और बहन के नाम पर भी कई चल एवं अचल संपत्तियों की जानकारी मिली है, जिसका सत्यापन किया जा रहा है। इसके बाद अवैध कमाई की राशि और बढ़ सकती है। 21 साल के नॉकरी में एक पैसा वेतन खर्च नही हुआ दुबे जी, अंतर मंतर से काम चलाते रहे।
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