90 फीसदी जल नल से संबंधित लोगों को जेल में होना चाहिए। प्रसिद्ध यादव
मैनपुर अंडा पंचायत के मंझौली के स्टैंड झुके हुए हैं। बाबुचक, अंडा के 20 फीसदी घरों में नल नही लगे। कनीय अभियंता से शिकायत किया, लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला।
आखिर इतनी लोकप्रिय योजना लूट योजना कैसे बन गई? इसे मोनेटरिंग करने वाले भी अपनी हिस्सा लेकर जनता को अपने राहमोंकर्म पर छोड़ दिया।सरकार की महत्वपूर्ण नल-जल योजना के क्रियान्वयन में जिले में भारी गड़बड़ी की आशंका है। मानक को ताक पर रख कर योजना के क्रियान्वयन से घोटोले की आशंका जतायी जा रही है। यह स्थिति जिले के करीब 90 प्रतिशत पंचायतों में है। पंचायतों से जिला को इस योजना में लगातार मिल रही शिकायतों व गड़बड़ियों से विभाग के आला अधिकारियों का भी माथा चकरा रहा है।
कार्य की मापी पुस्तिका अधूरी
अधिकांश पंचायतों में योजना से संबंधित मापी पुस्तिका के कारण योजना अधूरी है। अभी तक जितने पंचायतों के चयनित वार्डों में कार्य हुए हैं उन्हें मापी पुस्तिका में बुक नहीं किया गया है। घोटाले में फंसने का डर इसका कारण बताया जा रहा है। जबकि योजना को तीन महीनों के अंदर पूरा कर देना था। 2017 में नवम्बर-दिसम्बर में योजना में सरकार से पंचायतों के चयनित वार्डों को राशि मिली थी। करीब सात महीने गुजरने के बाद भी योजना अधिकांश वार्डों में अधूरी पड़ी हुई हैं। कुछ ही वार्डों में नल से लोगों को पानी मिल रहा है। टंकी, पाईप और स्टैंड इतना घटिया लगा हुआ है कि अनेक स्टैंड , टंकी शुरू होते ही टूट गए।आखिर कौन इसकी सुधि लेगा। फिरहाल चुनाव का वक्त है जनता को पूरी हिसाब किताब लेने की जरूरत है और भ्रष्ट प्रतिनिधि को बाहर की रास्ता दिखाना चाहिए।
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